चंडीगढ़: इनेलो नेता चंडीगढ़ में एक प्रेसवार्ता का आयोजन किया. जहां उन्होंने बताया कि हम कालका और ऐलनाबाद दोनों जगह से चुनाव लड़ेंगे. कालका हलके के 36 गांवों का दौरा हो चुका है और 10 अप्रैल तक एक-एक गांव और वार्ड में जाऊंगा.
अभय ने दावा किया कि लोगों में आईएनएलडी के प्रति उत्साह है. उन्होंने कहा कि लोग हमारी बात सुनकर भरोसा दिलाते हैं कि वो आईएनएलडी के साथ खड़े हैं और बीजेपी-जेजेपी के लोगों को गांव में घुसने भी नहीं देंगे.
कालका और ऐलनाबाद दोनों जगह से लड़ेंगे चुनाव : अभय चौटाला बीजेपी-आरएसएस के षडयंत्र का परिणाम है स्कूलों को बंद करना: अभय चौटाला
बीजेपी सरकार द्वारा हरियाणा प्रदेश के एक हजार से ज्यादा प्राइमरी स्कूल बंद करने पर पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि इसके पीछे सरकार की मंशा है कि गांव का बच्चा अनपढ़ रहे. उन्होंने कहा कि बीजेपी-आरएसएस की हमेशा से एक सोच रही है कि लोगों को अनपढ़ और गरीब रखा जाए. इसलिए केंद्र सरकार ने तीन कृषि कानून बनाए हैं ताकि किसानों को कमजोर किया जा सके.
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आंदोलन को हिंसक सत्ता में बैठे लोग बनाते हैं: अभय
विरोध प्रदर्शन के दौरान संपत्ति को होने वाले नुकसान की वसूली आंदोलनकारियों से करने वाले कानून पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए इनेलो नेता ने कहा कि कोई भी आंदोलन हिंसक नहीं होता. आंदोलन को हिंसक सत्ता में बैठे लोग करते हैं. उन्होंने कहा कि असल में तो ये कानून बीजेपी पर लागू होना चाहिए. जिसने आंदोलनकारियों को रोकने के लिए नेशनल हाईवे खुदवा दिए थे.
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निंदा प्रस्ताव पर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता ने बीजेपी गठबंधन को चुनकर सत्ता में बिठाया था, लेकिन ये उनकी उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे. इसलिए निंदा प्रस्ताव भी सरकार को खुद के खिलाफ लेकर आना चाहिए था.
सरकार कर रही किसान आंदोलन को बदनाम करने की साजिश: अभय चौटाला
बॉर्डर पर किसानों द्वारा पक्के मकान बनाए जाने के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि वो अस्थायी मकान हैं. बीजेपी गठबंधन सरकार पक्का मकान कहकर आंदोलनरत किसानों के बदनाम करने की साजिश रच रही है. उन्होंने कहा कि वो टिकरी बार्डर पर 50 बेड का अस्पताल बनवा रहे हैं. जिसकी ओपनिंग 24 मार्च को की जानी है. वो भी टेंट के अंदर है और उसका प्लेटफार्म भी अस्थायी है. आंदोलन खत्म होते ही उसे वहां से हटा लिया जाएगा.
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'सरकार खेलों में घोल रही जाति का जहर'
स्पोर्टस स्कूल की जगह यूनिवर्सिटी बनाए जाने के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार को अगर यूनिवर्सिटी बनानी है तो अलग से जमीन अधिग्रहण करके स्पोर्टस यूनिवर्सिटी बना सकती है, लेकिन बीजेपी खेलों में भी जात-पात का जहर घोल रही है. हमारे गांव के बच्चे जब मेडल जीतकर आते हैं तो उन्हें प्राइज देते हुए भी इनको दिक्कत होती है. वहां भी 35 बनाम 1 का भेदभाव करते हैं. खिलाड़ी किसी जाति विशेष का न होकर प्रदेश और देश की शान होता है.