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अंबाला की इस जांबाज अफसर को मिला युद्ध सेवा पदक, की थी विंग कमांडर अभिनंदन की मदद

स्क्वाड्रन लीडर मिंटी अग्रवाल को युद्ध सेवा पदक से नवाजा गया है. ये पुरस्कार हासिल करने वाली पहली महिला बनने पर जहां मिंटी के नाम को स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा, वहीं ये अंबाला के लिए एतिहासिक क्षण है.

indian air force officer minty agarwal honoured with yudh seva medal
अंबाला की इस जाबांज महिला अफसर को मिला युद्ध सेवा पदक, की थी विंग कमांडर अभिनंदन की मदद

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Published : Oct 9, 2020, 10:23 AM IST

चंडीगढ़: पाकिस्तान के खिलाफ बालाकोट में हुई एयर स्ट्राइक में अहम रोल निभाने वाले जवानों को वायुसेना दिवस के मौके पर सम्मानित किया गया. जिन लोगों को सम्मानित किया गया उनमें इस ऑपरेशन में शामिल रहीं अंबाला की स्क्वाड्रन लीडर मिंटी अग्रवाल भी थीं. एयर स्ट्राइक के बाद जब पाकिस्तान ने काउंटर अटैक की कोशिश की थी, तो मिंटी अग्रवाल ने ही भारतीय वायुसेना को अलर्ट किया था.

मिंटी अग्रवाल को युद्ध सेवा पदक से नवाजा गया है. ये पुरस्कार हासिल करने वाली पहली महिला बनने पर जहां मिंटी के नाम को स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा, वहीं ये अंबाला के लिए एतिहासिक क्षण है. अपनी बहादुरी और समझदारी के बूते बालाकोट एयर स्ट्राइक में अभिनंदन के संग एफ-16 गिराने के साथ-साथ अहम भूमिका निभाने के लिए मिंटी अग्रवाल को ये पुरस्कार मिला है. ये पुरस्कार उन्हें एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया से मिला. कार्यक्रम में उनके साथ अंबाला से उनके भाई अरविंद अग्रवाल व राहुल अग्रवाल भी मौजूद रहे.

एयरफोर्स ने की मिंटी की तारीफ

दरअसल, बालाकोट एयर स्ट्राइक के अगले ही दिन, यानि 27 फरवरी, 2019 को जम्मू-कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में स्क्वाड्रन लीडर मिंटी अग्रवाल ने जैसे ही पाकिस्तानी प्लेन की पूरी पलटन को देखा, तो तुरंत ही एयरफोर्स की टीमों को अलर्ट कर दिया. जिस वक्त विंग कमांडर अभिनंदन के प्लेन को हिट किया गया था, तब मिंटी अग्रवाल ही फ्लाइट कंट्रोलर की भूमिका में थीं. वो ही पूरे ऑपरेशन में सभी पायलटों को अपडेट भी दे रही थीं. वायुसेना की ओर से कहा गया कि मिंटी के इस काम ने एयरफोर्स की बहुत मदद की.

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ये होती है मेडल की खासियत

युद्ध सेवा मेडल देने की शुरुआत 26 जून 1980 को हुई थी. ये मेडल युद्ध, संघर्ष या विषम परिस्थितियों में असाधारण बहादुरी दिखाने के लिए दिया जाता है. 35 सेंटीमीटर के व्यास वाला ये मेडल सोने से बना होता है. सोने के रंग वाली पट्टी में गुंथे इस मेडल के एक तरफ सितारे की आकृति बनी होती है, दूसरी तरफ भारत सरकार के राष्ट्रीय चिह्न के साथ हिंदी और अंग्रेजी में ‘युद्ध सेवा मेडल’ लिखा होता है, ये वीरता पुरस्कार से अलग होता है.

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