चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) नियम, 1995 के प्रावधानों के तहत अत्याचार से पीड़ित व्यक्तियों के लिए आकस्मिक अनुदान, जांच और गवाही के लिए आने पर बस, रेल का किराया, लोकल खर्च, दैनिक मजदूरी इत्यादि के लिए बनाए गए कंटीजेंसी प्लान (आकस्मिक योजना) के तहत दी जाने वाली सहायता राशि में बढ़ोतरी करने का फैसला लिया है. जिसको लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी अपनी मंजूरी दे दी है.
एडहॉक ग्रांट में बढ़ोतरी
इस संबंध में जानकारी देते हुए सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि अत्याचार से पीड़ित व्यक्ति को तुरंत राहत प्रदान करने के लिए 7500 रुपए की एडहॉक ग्रांट दी जाती है. जिसे अब बढ़ाकर 10 हजार रुपए करने का फैसला लिया गया है.
सुनवाई के दिन के खर्चे की रकम भी बढ़ी
इसी प्रकार अत्याचार से पीड़ित व्यक्ति या उसके गवाह को जांच या सुनवाई में आने-जाने के लिये एकमुश्त 100 रुपये की राशि को बढ़ाकर 150 रुपए करने का फैसला किया गया है. अत्याचार से पीड़ित व्यक्ति या उसके गवाह को खाने-पीने के लिए 50 रुपए प्रतिदिन दी जाने वाली राशि को बढ़ाकर 200 रुपए किया जाएगा.
जिला कल्याण अधिकारी के पास अब ज्यादा पैसे
संबंधित जिला कल्याण अधिकारी सुनवाई और गवाही के बाद अत्याचार से पीड़ित व्यक्ति को यात्रा भत्ता, दैनिक भत्ता और डाईट की राशि की मंजूरी करता है. इसके लिये जिला कल्याण अधिकारी को 50 हजार रुपए की राशि रखनी होती है. जिसे अब एक लाख रुपये करने का निर्णय लिया गया है.
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिलेगा मकान
अत्याचार से पीड़ित व्यक्ति का मकान अगर पूरी तरह से बर्बाद या जल गया है तो उसे प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत प्राथमिकता के आधार पर लाभ दिया जाएगा और अगर कोई पीड़ित योजना के तहत नियम और शर्तों को पूरा नहीं कर पा रहा है तो उस स्थिति में संबंधित उपायुक्त को नियम और शर्तो में छूट देने का अधिकार है.