चंडीगढ़: पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की मुश्किलें बढ़ सकती है. हुड्डा से जुड़े हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के पंचकूला इंडस्ट्रियल प्लॉट आवंटन मामले में ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है. इस मामले में ईडी ने 14 इंडस्ट्रियल प्लॉट को अटैच किया है.
करोड़ों में है अटैच प्रॉपर्टी की कीमत
ईडी ने जिन 14 इंडस्ट्रियल प्लॉट को अटैच किया है, उसकी कीमत लगभग 30 करोड़ से ज्यादा बताई जा रही है. बता दें कि ईडी ने पूर्व हुड्डा सरकार के वक्त साल 2012 में अलॉट किए गए सभी 14 इंडस्ट्रियल प्लॉट अटैच कर लिए हैं. हुड्डा पर नियमों को ताक पर रखकर अपने करीबियों को इन प्लॉटों को कम कीमत पर देने का आरोप है.
15 घंटे हुई थी हुड्डा से पूछताछ
प्रवर्तन निदेशालय ने ये कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत की है. अब इन प्लॉटों को न तो एचएसवीपी ट्रांसफर कर सकेगा और न ही इनके नक्शे पास हो सकेंगे. बता दें कि इसी मामले में कुछ वक्त पहले ही चंडीगढ़ में ईडी ने हुड्डा से दो दिन में 15 घंटे पूछताछ की थी. जिसके बाद ईडी ने दिल्ली से इस मामले में इजाजत मिलने के बाद ये कार्रवाई की है.
क्या है हुड्डा पर आरोप ?
जानकारी के मुताबिक एचएसवीपी ने प्लॉट अलॉटमेंट के लिए 7 दिसंबर 2011 से 6 जनवरी 2012 तक प्लॉटों के लिए आवेदन मांगे थे. आवेदन की तारीख खत्म होने के बाद अधिकारियों ने 24 जनवरी 2012 को अचानक अलॉटमेंट का क्राइटेरिया बदल दिया. तब पूर्व सीएम हुड्डा अथॉरिटी के चेयरमैन थे. जिन्हें प्लॉट अलॉट हुए, उनमें ज्यादातर पूर्व सीएम हुड्डा के करीबी थे. एचएसवीपी की ईएमपी 2011 के मुताबिक आवेदक निर्धारित योग्यता भी पूरी नहीं कर रहे थे. 496 से 1280 स्क्वेयर फीट के इन प्लॉट्स को कम रेट पर बेचने का आरोप है. ईडी के मुताबिक हर प्लॉट पर सरकार को 15 से 35% का नुकसान हुआ है.