चंडीगढ़: हाल ही में चंडीगढ़ दौरे के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने चंडीगढ़ में सेंट्रल सर्विस रूल्स लागू करने की घोषणा की (Central Service Rules in Chandigarh) है. जिससे चंडीगढ़ के सरकारी कर्मचारी बेहद खुश हैं. उन्हें उम्मीद है कि अब उन्हें ऐसे बहुत से लाभ मिल पाएंगे, जो अभी तक नहीं मिले थे. क्योंकि चंडीगढ़ में अभी तक पंजाब सर्विस रूल्स चल रहे थे. लेकिन इससे चंडीगढ़ में डेपुटेशन के नियमों पर क्या फर्क पड़ेगा और क्या इससे हरियाणा और पंजाब का अधिकार चंडीगढ़ पर से कम होगा. इसको लेकर ईटीवी भारत ने अपर सॉलीसीटर जनरल ऑफ इंडिया सत्यपाल जैन से बातचीत की. सत्यपाल जैन ने खुद भी इस मांग को केंद्र सरकार के सामने कई बार उठाया था.
ईटीवी भारत से बात करते हुए सत्यपाल जैन ने कहा कि यह फैसला कर्मचारियों के लिए बहुत अच्छा फैसला (Chandigarh administration adopted central service rules) है. ऐसा होने से चंडीगढ़ के सरकारी कर्मचारियों को बहुत फायदा होगा. उनकी रिटायरमेंट की उम्र 58 से बढ़कर 60 साल हो जाएगी. उन्हें कई तरह के एलाउंसेस मिलेंगे. उनकी सैलरी बढ़ जाएगी और उन्हें अन्य कई सुविधाएं और मिलेंगी.
सत्यपाल जैन ने कहा कि चंडीगढ़ को 1966 में यूटी का दर्जा दिया गया था. उस वक्त चंडीगढ़ के पास पर्याप्त कर्मचारी नहीं थे. इसीलिए चंडीगढ़ में हरियाणा और पंजाब से कर्मचारी बुलाए गए थे. इसमें 60 प्रतिशत कर्मचारी पंजाब और 40 प्रतिशत कर्मचारी हरियाणा से बुलाए गए थे. चंडीगढ़ में पंजाब सर्विस रूल को लागू किया गया (Punjab rules in Chandigarh) था लेकिन धीरे-धीरे चंडीगढ़ के अपने कर्मचारी भी बढ़ते गए.
चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश है. इसीलिए यहां पर सेंट्रल सर्विस रूल्स की जरूरत महसूस होने लगी. क्योंकि चंडीगढ़ में खुद के कर्मचारियों की संख्या काफी बढ़ चुकी थी. जबकि हरियाणा और पंजाब से डेपुटेशन पर आने वाले कर्मचारियों की संख्या पहले के मुकाबले काफी कम हो गई है. उन्होंने कहा कि मैंने व्यक्तिगत तौर पर भी केंद्र सरकार के सामने इस मुद्दे को कई बार उठाया और कई चिट्ठियां भी लिखी.
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