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सेंट्रल सर्विस रूल्स से पंजाब और हरियाणा का हक चंडीगढ़ पर कम नहीं होगा, अपर सॉलीसीटर जनरल सत्यपाल जैन से ईटीवी भारत की बातचीत - Haryana News In Hindi

गृहमंत्री अमित शाह ने चंडीगढ़ प्रशासन में सेंट्रल सर्विस रूल्स को लागू (central service rules in Chandigarh) करने की घोषणा की है. आइये आपको बताते हैं कि चंडीगढ़ में सेंट्रल सर्विस रूल्स लागू होने से क्या चंडीगढ़ में डेपुटेशन के नियमों पर फर्क पड़ेगा. क्या इससे हरियाणा और पंजाब का अधिकार चंडीगढ़ पर से कम होगा.

Central Service Rules in Chandigarh
भारत के अपर सॉलिसिटर जनरल सत्यपाल जैन

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Published : Mar 29, 2022, 9:50 AM IST

Updated : Mar 29, 2022, 12:52 PM IST

चंडीगढ़: हाल ही में चंडीगढ़ दौरे के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने चंडीगढ़ में सेंट्रल सर्विस रूल्स लागू करने की घोषणा की (Central Service Rules in Chandigarh) है. जिससे चंडीगढ़ के सरकारी कर्मचारी बेहद खुश हैं. उन्हें उम्मीद है कि अब उन्हें ऐसे बहुत से लाभ मिल पाएंगे, जो अभी तक नहीं मिले थे. क्योंकि चंडीगढ़ में अभी तक पंजाब सर्विस रूल्स चल रहे थे. लेकिन इससे चंडीगढ़ में डेपुटेशन के नियमों पर क्या फर्क पड़ेगा और क्या इससे हरियाणा और पंजाब का अधिकार चंडीगढ़ पर से कम होगा. इसको लेकर ईटीवी भारत ने अपर सॉलीसीटर जनरल ऑफ इंडिया सत्यपाल जैन से बातचीत की. सत्यपाल जैन ने खुद भी इस मांग को केंद्र सरकार के सामने कई बार उठाया था.

ईटीवी भारत से बात करते हुए सत्यपाल जैन ने कहा कि यह फैसला कर्मचारियों के लिए बहुत अच्छा फैसला (Chandigarh administration adopted central service rules) है. ऐसा होने से चंडीगढ़ के सरकारी कर्मचारियों को बहुत फायदा होगा. उनकी रिटायरमेंट की उम्र 58 से बढ़कर 60 साल हो जाएगी. उन्हें कई तरह के एलाउंसेस मिलेंगे. उनकी सैलरी बढ़ जाएगी और उन्हें अन्य कई सुविधाएं और मिलेंगी.

सेंट्रल सर्विस रूल्स से पंजाब और हरियाणा का चंडीगढ़ पर कम नहीं होगा हक, डेपुटेशन पर नहीं पड़ेगा फर्क - अपर सॉलीसीटर जनरल

सत्यपाल जैन ने कहा कि चंडीगढ़ को 1966 में यूटी का दर्जा दिया गया था. उस वक्त चंडीगढ़ के पास पर्याप्त कर्मचारी नहीं थे. इसीलिए चंडीगढ़ में हरियाणा और पंजाब से कर्मचारी बुलाए गए थे. इसमें 60 प्रतिशत कर्मचारी पंजाब और 40 प्रतिशत कर्मचारी हरियाणा से बुलाए गए थे. चंडीगढ़ में पंजाब सर्विस रूल को लागू किया गया (Punjab rules in Chandigarh) था लेकिन धीरे-धीरे चंडीगढ़ के अपने कर्मचारी भी बढ़ते गए.

चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश है. इसीलिए यहां पर सेंट्रल सर्विस रूल्स की जरूरत महसूस होने लगी. क्योंकि चंडीगढ़ में खुद के कर्मचारियों की संख्या काफी बढ़ चुकी थी. जबकि हरियाणा और पंजाब से डेपुटेशन पर आने वाले कर्मचारियों की संख्या पहले के मुकाबले काफी कम हो गई है. उन्होंने कहा कि मैंने व्यक्तिगत तौर पर भी केंद्र सरकार के सामने इस मुद्दे को कई बार उठाया और कई चिट्ठियां भी लिखी.

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केंद्र सरकार की ओर से उनकी चिट्टियों का जवाब भी आया. जिससे उन्हें उम्मीद जगी कि अब यहां के कर्मचारियों की मांग जल्द पूरी हो सकती है. हाल ही में चंडीगढ़ आए गृहमंत्री अमित शाह ने इसकी घोषणा कर इस मांग को पूरा कर दिया. उन्होंने कहा कि जहां तक सवाल डेपुटेशन पर आने वाले कर्मचारियों का है. इसके बारे में सही स्थिति नोटिफिकेशन जारी होने के बाद ही मिल पाएगी. हमें उम्मीद है कि इस फैसले से डेपुटेशन पर आने वाले कर्मचारियों पर कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि डेपुटेशन पर सभी राज्यों के कर्मचारी जाते हैं.

सत्यपाल जैन ने कहा कि यह एक सामान्य प्रक्रिया है. इसलिए चंडीगढ़ में भी डेपुटेशन फिलहाल जारी रहेगी. हालांकि इस पर अंतिम फैसला केंद्र सरकार करेगी. इसके अलावा उन्होंने कहा कि पंजाब के कई नेता सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं जो सही नहीं है. चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश है तो यहां पर केंद्र सरकार के नियम ही लागू होने चाहिए ना की किसी राज्य के. सरकार के इस फैसले से चंडीगढ़ पर हरियाणा और पंजाब के अधिकार क्षेत्र पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा.

चंडीगढ़ दोनों राज्यों की राजधानी है. चंडीगढ़ पर जो अधिकार पहले था आगे वह अधिकार जारी रहेगा. ऐसे में सरकार के इस फैसले का विरोध करना गलत है. सरकार के इस फैसले से चंडीगढ़ के कर्मचारी खुश हैं. पंजाब के जो नेता इस फैसले का विरोध कर रहे हैं वह इसका विरोध छोड़कर अपने राज्य के कर्मचारियों को केंद्र सरकार के बराबर लाभ दें ताकि उनके कर्मचारी भी खुश हो सके.

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Last Updated : Mar 29, 2022, 12:52 PM IST

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