हरियाणा

haryana

ETV Bharat / state

चंडीगढ़ में रेलवे रूट घटने से टैक्सी-ऑटो चालकों के लिए परिवार चलाना हुआ मुश्किल

लॉकडाउन से पहले की बात करें तो पहले 15 ट्रेनें चंडीगढ़ आया करती थी.यानी की आना-जाना मिलाकर चंडीगढ़ के हिस्से में कुल 30 रूट थे, लेकिन फिलहाल चंडीगढ़ से 2 ट्रेनें कालका बांद्रा एक्सप्रेस और जन शताब्दी ही चल रही हैं.

impact of trains routes on taxi and auto drivers of chandigarh
चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पर घटे रेलवे रूट, टैक्सी-ऑटो चालकों के लिए परिवार चलाना हुआ मुश्किल

By

Published : Sep 18, 2020, 2:23 PM IST

चंडीगढ़: लंबे लॉकडाउन के बाद धीरे-धीरे जिंदगी न्यू नॉर्मल की ओर बढ़ रही है, लेकिन अब भी ऐसे कई क्षेत्र और व्यवसाय हैं जिनका पूरी तरह से अनलॉक होना बाकी है. ऐसे ही कुछ व्यवसाय हैं जो रेल के पहिए का साथ दौड़ते हैं, लेकिन ट्रेनों की पूरी आवाजाही नहीं होने के चलते कई वर्गों के लिए परिवार का गुजर बसर करना भी मुश्किल हो रहा है.

चंडीगढ़ में रेलवे रूट घटने से टैक्सी-ऑटो चालकों के लिए परिवार चलाना हुआ मुश्किल

ऑटो-टैक्सी चालकों का धंधा अब भी मंदा

अगर बात चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन की करें तो यहां सन्नाटा पसरा है. रेलवे स्टेशन की पार्किंग में सैकड़ों ऑटो और टैक्सियां खड़ी जरूर हैं, लेकिन यात्रियों की आवाजाही ना मात्र होने के चलते चालकों के माथे पर चिंता की लकीरें खिच गई हैं. दरअसल, रेलवे की तरफ से हाल ही में 80 रूटों पर ट्रेनें चलाने की घोषणा की गई थी, जिसमें से चंडीगढ़ के हिस्से में अभी सिर्फ 2 ही रूट आए हैं.

लॉकडाउन से पहले की बात करें तो पहले 15 ट्रेनें चंडीगढ़ आया करती थी.यानी की आना-जाना मिलाकर चंडीगढ़ के हिस्से में कुल 30 रूट थे, लेकिन फिलहाल चंडीगढ़ से 2 ट्रेनें कालका बांद्रा एक्सप्रेस और जन शताब्दी ही चल रही हैं.

कब अन'लॉक' होगा व्यवसाय?

बता दें कि चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन से 200 से ज्यादा ऑटो और 70 के करीब टैक्सी चालकों का परिवार निर्भर करता है, लेकिन अब कर्जे में डूबने को मजबूर ये सामान्य लोग बेहद खराब हालात में जी रहे हैं. सबसे पहले बात करते हैं चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पर निर्भर रहने वाले ऑटो चालकों की. जो लॉकडाउन से पहले रोजाना 500 से 700 रुपये कमा लेते थे और अब उनके लिए 100 रुपये कमाना भी मुश्किल हो गया है.

ये भी पढ़िए:इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर कितना बढ़ रहा हरियाणा, देखिए ये रिपोर्ट

चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन की पार्किंग में इस वक्त 2 दर्जन से ज्यादा टैक्सियां यात्रियों की बाट जोह रही हैं. आलम ये हो चला है कि लॉकडाउन के चलते काम ठप होने के बाद से टैक्सी मालिकों के लिए किश्त भर पाना भी मुश्किल हो रहा है. टैक्सी चालकों की मानें ये महीने उनके लिए अच्छी कमाई का जरिया होते थे, लेकिन पहले लॉकडाउन और अब बढ़ते पेट्रोल और डीजल के दाम उनकी कमर तोड़ रहे हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details