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कोविड-19 से हरियाणा में टीकाकरण का टारगेट प्रभावित, 5 लाख 78 हजार बच्चों को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य

टीकाकरण वो अभियान है, जिसे अगर एक साल रोक दिया जाए तो देश के लाखों बच्चे भयानक बीमारियों के शिकार हो सकते हैं. ऐसे में कोरोना वायरस और लॉकडाउन का टीकाकरण अभियान पर कितना असर पड़ा ये जानने के लिए ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ग्राउंड जीरो पर पहुंची.

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कोविड-19 से हरियाणा में टीकाकरण का टारगेट प्रभावित, 5 लाख 78 हजार बच्चों को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य

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Published : Nov 14, 2020, 1:21 PM IST

चंडीगढ़:जिस टीकाकरण से लाखों जिंदगियां बचती हैं, उसी टीकाकरण पर कोरोनाकाल में संकट के बादल छा गए. संकट ऐसा कि घरों से बाहर निकलना बंद, परिवहन बंद, व्यापार बंद, या यूं कहें कि पूरा देश बंद. देशबंदी ने टीकाकरण अभियान पर भी मानों ताला लगा दिया. ये वो अभियान है जिसे अगर एक साल रोक दिया जाए तो देश के लाखों बच्चे भयानक बीमारियों के शिकार हो सकते हैं. ऐसे में हरियाणा में टीकाकरण पर कोरोना और लॉकडाउन का क्या असर पड़ा ये जानने के लिए ईटीवी भारत ग्राउंड जीरो पर पहुंची.

सबसे पहले हमने बात की हरियाणा के डिप्टी डायरेक्टर इम्यूनाइजेशन वीरेंद्र अहलावत से. उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की तरफ से आदेश जारी किए गए थे कि बाहर जाकर इम्यूनाइजेशन के सेशन नहीं किए जाएंगे. जिसके चलते अप्रैल महीने में इम्यूनाइजेशन का कार्यक्रम पूरी तरह से बाधित रहा, लेकिन इसके बाद मई में कार्यक्रम को कवर किया गया.

कोविड-19 से हरियाणा में टीकाकरण का टारगेट प्रभावित, 5 लाख 78 हजार बच्चों को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य

टीकाकरण का टारगेट प्रभावित

उन्होंने बताया कि जून, जुलाई, सितंबर और अक्टूबर में इम्यूनाइजेशन कार्यक्रम को पूरी तरह से कवर कर लिया गया है, जिसके बाद अब स्थिति नॉमल हो गई है. वीरेंद्र अहलावत ने कहा कि इसे लेकर हेल्थ केयर वर्कर्स की समय-समय पर ट्रेनिंग की गई कि किस तरह से खुद को कोरोना से सुरक्षित रखते हुए टीकाकरण कार्यक्रम चलाया जाए. वहीं जो गाइडलाइन केंद्र की तरफ से जारी की गई थी, उसे भी ध्यान में रखा गया.

अप्रैल में बच्चों को नहीं लगे टीके

इसके साथ ही वीरेंद्र अहलावत ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग टारगेट को पूरा करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन लॉकडाउन के दौरान हरियाणा से हुआ पलायन काफी दिक्कतें पैदा कर रहा है. उन्होंने कहा कि एक समस्या बेनिफिशरी (गर्भवती महिलाओं) के चले जाने की भी है. लॉकडाउन के चलते दूसरे राज्यों के प्रवासी मजदूर अपने-अपने राज्यों में चले गए. जिनमें उत्तरप्रदेश, बिहार, उड़ीसा और बंगाल समेत दूसरे राज्यों के लोग थे. अब लोग लौट तो रहे हैं, लेकिन अपने बच्चों को घर ही छोड़कर आ रहे हैं.

इसके बाद ईटीवी भारत की टीम पंचकूला के अस्पताल पहुंची. जहां हमने पाया कि नवजात बच्चों को टीकाकरण का काम अपने उसी तेजी पर है. कोरोना काल का असर अस्पताल में जारी टीकाकरण पर देखने को नहीं मिला. अस्पताल में काम करने वावी एएनएम डिंपी ने बताया कि डिलीवरी के तुरंत बाद ही बच्चों को टीके लगाए जा रहे हैं.

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इसके बाद हमने बात की एनएचएम के डायरेक्टर वीके बंसल से. जिन्होंने बताया कि इस बार भारत सरकार की ओर से हरियाणा में 5 लाख 78 हजार बच्चों को टीका लगाने का टारगेट मिला था. जिसमें से 2 लाख 65 हजार बच्चों को टीका लगाया जा चुका है. बंसल ने कहा कि सितंबर तक का 2 लाख 79 हजार टारगेट बनता है, जबकि 2 लाख 65 हजार बच्चों को इम्युनॉइज किया जा चुका है और कोशिश रहेगी कि इस बार के टारगेट को 90 प्रतिशत से ऊपर अचीव किया जाए.

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