चंडीगढ़:कोरोना वायरस से देश की जंग लगातार जारी है. इस जंग में सबसे अहम भूमिका देश के डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ निभा रहे हैं. मेडिकल स्टाफ दिन रात कोरोना मरीजों के बीच रहते हैं, ऐसे में उनकी बॉडी तक कोरोना संक्रमण ना पहुंचे इसके लिए उन्हें पीपीई किट पहनाई जाती है, लेकिन क्या आपको मालूम है कि पीपीई किट देखने में जितनी जटिल दिखाई देती है, उससे कहीं ज्यादा जटिल उसका निष्पादन है.
अगर पीपीई किट का सही तरीके से निष्पादन नहीं किया जाए तो कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा दोगुना हो जाता है. ईटीवी भारत की टीम ने चंडीगढ़ पीजीआई जाकर जाना कि आखिर पीपीई किट को डॉक्टर्स कैसे उतारते हैं और केसे अस्पताल से पीपीई किट को निष्पादन के लिए भेजा जाता है.
चंडीगढ़ पीजीआई डॉक्टर पारुल ने बताया कि पीपीई कोट को उतारने के कई चरण होते हैं. इसके लिए पीजीआई में एक कंट्रोल रूम बनाया गया है. जब कोई कर्मचारी पीपीई किट को उतारने के लिए पहुंचता है तब सीसीटीवी कैमरे और माइक की सहायता से एक टीम उसे लगातार निर्देशित करती है कि उसे पीपीई किट का कौन सा हिस्सा पहले उतारना है और कौन सा हिस्सा बाद में उतारना है.
उन्होंने कहा कि अगर इस दौरान लापरवाही बरती जाए तो स्वास्थ्य कर्मी करोना की चपेट में आ सकता है, इसलिए उसे लगातार निर्देशित किया जाता है. वो उन निर्देशों के पालन करते हुए पीपीई किट को उतारता है.