चंडीगढ़: मुख्यमंत्री ने बतौर वित्त मंत्री वर्ष 2020-21 का 1,42,343.78 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तुत किया जो वित्त वर्ष 2019-20 के 1,32,165.99 करोड़ रुपये की तुलना में 7.70 प्रतिशत अधिक रहा. इस वर्ष शिक्षा में 31.7 प्रतिशत, स्वास्थ्य में 23.17 प्रतिशत, स्वावलंबन अर्थात खेती इत्यादि में 36.7 प्रतिशत और सामाजिक सुरक्षा में 37 प्रतिशत बजट की वृद्धि की गई थी.
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण क्षेत्र के लिए उन्होंने वर्ष 2019-20 के 5310.64 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान प्रतिव्यय पर 23.03 प्रतिशत की वृद्धि के साथ बजट 2020-21 में 6533.75 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव किया था.
अब तक मनोहर सरकार ने किस विभाग को दिए कितने रुपये, देखिए प्रस्तावित परिव्यय में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के लिए 4201.16 करोड़ रुपये, चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान के लिए 1701.50 करोड़ रुपये, आयुष के लिए 353.29 करोड़ रुपये, कर्मचारी राज्य बीमा स्वास्थ्य देखभाल के लिए 237.85 करोड़ रुपये और खाद्य एवं औषध प्रशासन के लिए 39.94 करोड़ रुपये शामिल था.
वहीं इस बजट में शिक्षा क्षेत्र के लिए कुल 19639.18 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया था जोकि 31 प्रतिशत की वृद्धि के साथ पेश हुआ था.
अब तक मनोहर सरकार ने किस विभाग को दिए कितने रुपये, देखिए वर्ष 2020-21 का बजट प्रस्तुत करते हुए सिंचाई और जल संसाधन विभाग के लिए 4,960.48 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया जोकि वर्ष 2019-20 के 2994.63 करोड़ रुपये के परिव्यय से 65.65 प्रतिशत ज्यादा था.
हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के दौरान बिजली विभाग के लिए 7302.86 करोड़ रुपये और नव एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग के लिए 256.54 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव रखा था.
किसान कल्याण गतिविधियों के लिए इस वर्ष 6481.48 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव है, जोकि गत वर्ष के बजट आवंटन से 23.92 प्रतिशत अधिक रहा. कृषि एवं किसान कल्याण गतिविधियों के लिए किए गए कुल आवंटन में से कृषि क्षेत्र के लिए 3364.90 करोड़ रुपये का प्रावधान रहा.
अब तक मनोहर सरकार ने किस विभाग को दिए कितने रुपये, देखिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वर्ष 2020-21 में समाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के लिए 8,770.18 करोड़ रुपये और अनूसुचित जाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के लिए 519.34 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव किया.
बजट अनुमान 2020-21 में परिवहन क्षेत्र के लिए 2307.44 करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रस्ताव था जिसमें की कमी देखने को मिली. सहकारिता विभाग के लिए वो बजट अनुमान 2020-21 के लिए 1343.94 करोड रूपए आवंटित करने का प्रावधान किया गया है.
वर्ष 2020-21 में लोक निर्माण (भवन एवं सड़कें) विभाग के लिए 3541.32 करोड़ रुपये का बजट प्रस्ताव किया गया है.
अब तक मनोहर सरकार ने किस विभाग को दिए कितने रुपये, देखिए वर्ष 2020-21 में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के लिए 3591.27 करोड़ रुपये का प्रावधान करने की घोषणा की. मनोहर लाल ने बजट सत्र के दौरान बजट अनुमान 2020-21 में उद्योग एवं वाणिज्य के लिए 349.30 करोड़ रुपये. नागरिक उड्डयन विभाग के लिए 173.07 करोड़ रुपये और राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के लिए 1522.35 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया.
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इसलिए बजट 2020-21 में बागबानी के लिए 492.82 करोड़ रुपये, पशुपालन के लिए 1157.41 करोड़ रुपये और मत्स्य पालन के लिए 122.42 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया. वित्त वर्ष 2020-21 के लिए कौशल विकास एवं औद्यौगिक प्रशिक्षण विभाग के लिए 847.97 करोड़ रुपये और रोजगार विभाग के लिए 416.02 करोड़ रुपये के आबंटन का प्रस्ताव रहा.
मुख्यमंत्री ने बजट अनुमान 2020-21 के लिए सैनिक एवं अर्ध सैनिक कल्याण के लिए 142.05 करोड़ रुपये का परिव्यय प्रस्तावित किया था. सतलुज-यमुना लिंक नहर के निर्माण के लिए निष्ठा और ठोस प्रयास करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि विशेष रूप से 2020-21 में इस उद्देश्य के लिए 100 करोड़ रुपये का परिव्यय आबंटित करने का प्रस्ताव था.
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राज्य सरकार शहरी स्थानीय निकाय विभागों के सशक्तिकरण के साथ ही उन्हें स्वाययता देने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए इस वर्ष 4916.51 करोड़ रुपये आवंटित किये गए.
सालाना खर्च
खर्चें लगातार बढ़ते रहते हैं जैसे कि पेंशन पर वर्ष 2014-15 में 4600 करोड़ रुपये खर्च होते थे जो अब बढ़कर 9000 करोड़ रूपए हो गए हैं. इसी प्रकार, वेतन पर वर्ष 2014-15 में 13,900 करोड़ रूपए खर्च होते थे जो अब बढ़कर 27,000 करोड़ रुपये हो गया है.
ग्रामीण विकास और विकास एवं पंचायत विभाग के लिए बजट अनुमान 2020-2021 के लिए 6294.79 करोड़ रुपये का परिव्यय प्रस्तावित किया, जो 2019-20 के बजट की तुलना में 21.89 प्रतिशत की वृद्धी रही.
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इसमें ग्रामीण विकास के लिए 879.06 करोड़ रुपये का और विकास एवं पंचायत विभाग के लिए 5415.73 करोड़ रुपये का परिव्यय शामिल था. वहीं हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल जब बतौर वित्तमंत्री अपना दूसरा बजट पेश करेंगे तो उनके सामने कोरोना काल में हुए बड़ी राजस्व हानि के दूसरी तरफ प्रदेश की जनता को बड़ी राहत देने की भी चुनौती रहेगी वहीं कोरोना की मार झेल रही आम जनता भी मुख्यमंत्री मनोहर लाल के बजट की तरह बड़ी उम्मीदों से देख रही है.