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Holi Festival 2023: कोरोना काल के बाद बाजारों में सजी पिचकारियां, अबीर और गुलाल - बाजार में हर्बल रंग

कोरोना काल के बाद शहर में होली की तैयारियां तेज हो गई हैं. बाजार भी सजे हुए नजर आ रहे हैं. वहीं पिचकारियों की बात करें को बाजारों में इस समय एक हजार से ऊपर की पिचकारी सभी के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है.

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Published : Mar 6, 2023, 1:58 PM IST

होली की तैयारियां

चंडीगढ़: कोरोना वायरस अब जहां पूरी तरह खत्म हो चुका है. ऐसे में बीते सालों में कोरोना काल के कारण शहर में होली का त्योहार कुछ फीका रहा. वहीं तीन साल बाद बाजारों में होली की खरीदारी में भी बड़ा बदलाव देखने को मिला. ऐसे में केमिकल रंगों की जगह हर्बल रंग दिखाई दिए. इसके साथ ही लोगों ने खुले रंगों की जगह पैकेट में पैक हुई हार्मलेस रंग खरीदे जा रहे हैं. वहीं दुकान वालों की माने तो होली के दिन लोगों की भीड़ उमड़ने की उम्मीद है. कोरोना काल के कारण जहां पिछले तीन सालों से त्योहार फीका गुजर रहा था, वहीं इस बार होली का उत्साह दिखाई दे रहा है.

बाजारों में भारी संख्या में लोग पहुंचकर खरीदारी कर रहे हैं. वहीं इस बार लोगों पर महंगाई का भी असर दिखाई दे रहा है. त्योहार पर रंग गुलाल, पिचकारी तो खरीद ही रहे हैं, लेकिन इसके साथ ही कुछ लोग नए कॉटन के कपड़ों की भी खरीदारी करते नजर आ रहे हैं, क्योंकि इस बार गर्मियों की शुरुआत फरवरी महीने से होने से होली के त्योहार को कुछ अलग ढंग से मनाया जाएगा.

बाजार में हर्बल रंग
बाजारों में रंग के अलावा पानी वाले रंग भी दिखाई दे रहे हैं, जिसमें स्प्रे कलर, गुब्बारे के पैकेट और पानी की टंकी वाली पिचकारी हर तरफ दिखाई दी. पिचकारी की बात की जाए तो मार्केट में 100 रूपये से लेकर 1000 रुपये तक की पिचकारी बेची जा रही है, बच्चों के पसंदीदा कार्टून वाली पिचकारी टंकी अधिक बेची जा रही है. वहीं अगर रंगों की बात की जाए तो कोरोना काल के बाद लोग अपनी सेहत को लेकर कुछ फ्रिकमंद होते नजर आए. बाजार में हर्बल रंग की शुमार रही. हर्बल रंग फूलों और नेचुरल रंगों से बने हुए हैं. ऐसे इनकी कीमत 50 रूपये से लेकर 500 रुपये तक रखी गई है.

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दुकानदार राजेश कुमार ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण लोग बाहर होली के खरीदारी करने के लिए कम ही बाजारों तक पहुंच पा रहे थे. लेकिन अब जब सभी दुकानदार 100 प्रतिशत वैक्सीन ले चुके हैं, ऐसे में शहरवासियों को घबराने की जरूरत नहीं है. वहीं मार्केट केमिकल रंग नहीं रखे गए है. भले ही रंग कम बिके लेकिन हमारी कोशिश है कि लोगों को अच्छे रंग दिए जाएं. इस बार उम्मीद है कि त्योहार पर अच्छी बिक्री होगी.

खरीददार अंकिता ने बताया कि मुझे पानी वाले रंग पसंद हैं तो इस बार में गुब्बारे ‌ही खरीदने आई हूं, क्योंकि मुझे सूखे रंग पसंद नहीं है. ऐसे मैं सिर्फ गुब्बारे ही खरीद अपनी मम्मी के साथ आई हूं.

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