चंडीगढ़: हाल ही में स्वच्छ सर्वेक्षण की रिपोर्ट ने भी 'सिटी ब्युटीफुल' की साफ-सफाई की पोल खोल दी थी. जिसमें यूटी तिसरे पायदान से सीधा 20वें स्थान पर आ गया था. जिसके बाद से ही शहर की साफ-सफाई को लेकर प्रशासन पर सवाल खड़े होने लग गए थे. अब 'द रन कल्ब' नाम की एक एनजीओ ने शहर में बढ़ती गंदगी और प्रदूषण को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.
'प्रशासन की लापरवाही से बढ़ रहा प्रदूषण'
शहर में कचरे को लेकर एनजीओ ने कोर्ट को बताया कि शहर में कूड़े के जगह-जगह ढेर लगे रहते हैं. जिनको सही समय पर उठाया नहीं जाता है. इसके साथ ही जो कचरा उठाया जाता है उसको प्लांट में प्रोसेस करने से पहले जहां रखा जाता है, वहां से उससे रिसने वाला पानी आस-पास के लोगों के लिए बड़ी परेशानी बना हुआ है.
इसके साथ ही सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट को चलाने का ठेका जेपी ग्रुप को दिया गया है. इस कंपनी को जितना कचरा निपटाने का काम दिया गया था यह अपनी क्षमता से कम काम कर रही है, जिसके चलते शहर के लोगों को परेशानी होती है. इसके साथ ही याची ने कहा कि शहर मे जगह-जगह कूड़े और पत्तों का ढेर लगा रहता है. याची ने कहा कि जिस प्रकार नियमों को ताक पर रखा जा रहा है उससे लोगों का शहर में जीना मुहाल हो गया है. साथ ही शहर में हवा की गुणवत्ता तेजी से गिर रही है जो स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है.
हाईकोर्ट ने दी कड़ी प्रतिक्रिया
याची की दलीलों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने कहा कि कोर्ट इन सभी समस्याओं से वाकिफ है. शहर में समस्याओं का अंबार लगा हुआ है और इन सभी का समाधान किया जाना बहुत जरूरी है. हाईकोर्ट ने कहा कि याचिका में उठाए गए सभी मुद्दों का समाधान बहुत जरूरी है और यह सही प्रकार से हो इसके लिए मुद्दों पर एक-एक कर सुनवाई की जानी चाहिए. हाईकोर्ट ने याचिका पर प्रशासक के सलाहकार, निगम कमिश्नर, डीजीपी, एसएसपी ट्रैफिक, एसटीए के सचिव, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जेपी को नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं.