चंडीगढ़: पंजाब-हरियाणा हाइकोर्ट ने आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के संस्थापक मुकेश मोदी और प्रबंध निदेशक राहुल मोदी को पोंजी स्कैम मामले में राहत देते हुए उन्हें 15 दिन की अंतरिम जमानत दे दी है. साथ ही दोनों की नियमित जमानत याचिका पर 20 अप्रैल तक फैसला सुनाने के आदेश दिए हैं.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 200 करोड़ रुपये का गबन करने के आरोपी राहुल मोदी और मुकेश मोदी को दिल्ली हाइकोर्ट द्वारा जमानत देने का फैसला खारिज कर दिया था. पोंजी स्कीम के तहत निवेशकों का रुपया गबन करने के इन दोनों आरोपियों को दिल्ली हाईकोर्ट ने जमानत दे दी थी.
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के इस फैसले को दरकिनार करते हुए दोनों को 1 अप्रैल को अदालत में आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया था. अहमदाबाद की आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के संस्थापक मुकेश मोदी और प्रबंध निदेशक राहुल मोदी को सीएफआईओ ने गबन के आरोप में गिरफ्तार किया था. उनके खिलाफ गुरुग्राम की एक अदालत में मुकदमा चल रहा था, लेकिन पिछले वर्ष दिसंबर में दिल्ली हाईकोर्ट ने इन दोनों के वकील की तरफ से बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए इन्हें जमानत दे दी थी.
इस फैसले के खिलाफ वित्त मंत्रालय के तहत काम करने वाली एसएफआईओ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी,. सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को स्वीकार करते हुए कहा था कि दिल्ली हाईकोर्ट ने जमानत देने के लिए अपने क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर काम किया है. इस टिप्पणी के बाद शीर्ष अदालत की पीठ ने दिल्ली हाईकोर्ट के जमानत वाले आदेश को दरकिनार कर दिया था. साथ ही पीठ ने राहुल मोदी और मुकेश मोदी को एक अप्रैल को गुरुग्राम की अदालत में पहुंचकर आत्म समर्पण करने का भी आदेश दिया था.
सुप्रीम कोर्ट से झटके के बाद दोनों ने पंजाब-हरियाणा हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाइकोर्ट ने अब याचिका मंजूर करते हुए 15 दिन की अंतरिम जमानत का लाभ देने के साथ ही 20 अप्रैल को दोनों की नियमित जमानत पर फैसला लेने के आदेश दिए हैं.