चंड़ीगढ़: पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने कथित संत रामपाल की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें उसने जेल बदलने की मांग की थी. आपको बता दें कि कथित संत हिसार की जेल-2 में बंद हैं.
मिली जानकारी के मुताबिक हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार का पक्ष सुनने के बाद यह याचिका खारिज की है. गौरतलब है कि हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट को बताया है कि रामपाल की शिकायत पर उन्होंने जांच की तो पाया कि रामपाल पर जो भी आरोप लगाए गए हैं, वे बिल्कुल झूठे और निराधार हैं.
रामपाल ने याचिका दायर कर बताया था कि जेल अधीक्षक उसके साथ बेहदबुरा सुलूक कर रहा है. उसे बेइच्जत किया जाता है और उस पर जेल में अत्याचार हो रहे हैं. लिहाजा उसने अपने-आपको अन्य जेल में शिफ्ट करने की गुहार लगाई थी.
उच्च न्यायालय ने इस मामले में हरियाणा सरकार समेत हरियाणा के डी.जी.पी., डी.जी.पी.(प्रिजन्स) और हिसार सेंट्रल जेल-2 के जेल अधीक्षक एस.एस. दहिया को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया हुआ था.
रामपाल ने याचिका में आरोप लगाया है कि हिसार जेल में पुलिस कर्मी और जेल स्टाफ उन्हें प्रताडि़त करते हैं. रामपाल ने जेल अधीक्षक पर आरोप लगाते हुए बताया है कि उससे 50 लाख रूपये मांगे गए थे और कहा था की अगर वो उसे पैसे नहीं देता है तो वो जिन्दा जेल से बाहर नहीं जा पाएगा.
यही नहीं, रामपाल ने यह भी बताया है कि उसका स्वास्थ्य ठीक नहीं है. रामपाल के मुताबिक वह ह्रदय का रोगी है, उसेअस्थमा, गैस और चेस्ट कंजेशन रहता है.
इस पुरे मामले की शिकायत रामपाल ने इलाकाई मैजिस्ट्रेट, हिसार के इंस्पेक्टिंग जज जस्टिस के.सी.पूरी, उसके बाद हरियाणा के डी.जी.पी. और हरियाणा के मुख्यमंत्री को भी इस सबकी शिकायत की गई थी. रामपाल ने कहा की इन शिकायतों के बावजूद अभी तक इसमामले में कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है.