चंडीगढ़:कोरोना के बढ़ते कहर पर पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार सहित पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ को आदेश दिया है कि ऑक्सीजन का सरकारें पूरा बंदोबस्त करें ताकि बहुमूल्य जीवन को बचाया जा सके. हाई कोर्ट ने कहा कि खासकर वो लोग जो घरों पर ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं. उन्हें घर पर ही ऑक्सीजन उपलब्ध करवाई जाए ताकि अस्पतालों में भीड़ को कम किया जाए सके और लोगों को राहत मिल सके.
जस्टिस राजन गुप्ता और जस्टिस कर्मजीत सिंह की खंडपीठ ने कहा कि घरों में ऑक्सीजन की सप्लाई का काम मुंसिपल अथॉरिटी को दिया जाए, क्योंकि स्वास्थ्य विभाग के लोग वैसे ही इस समय काफी व्यस्त हैं. इसके साथ ही हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार की ओर से 29 अप्रैल को जारी आदेशों को सख्ती से लागू करने के पंजाब ,हरियाणा और चंडीगढ़ को आदेश दे दिए हैं.
राज्य सरकारें जारी करें वेब पोर्टल-HC
हाई कोर्ट ने कहा कि इन आदेशों के जरिए ये कहा गया था कि राज्य सरकारें एक वेब पोर्टल जारी करें, जिसमें उनके सभी जिलों के अस्पतालों के खाली बेड, दवाइयों ,ऑक्सीजन ,वेंटिलेटर, आईसीयू बेड और वैक्सीनेशन की पूरी जानकारी हो, जिसे लगातार अपडेट किया जाए ताकि आम लोगों को इससे पूरी जानकारी मिल सकेगी. कहां बेड खाली हैं, कहां से ऑक्सीजन मिलेगी और कहां दवाइयां उपलब्ध हैं और जहां जरूरत ज्यादा हो वहां इन की पर्याप्त सप्लाई की जाए.
इस मामले में हाई कोर्ट को सहयोग दे रहे सीनियर एडवोकेट रूपेंद्र खोसला ने हाई कोर्ट को बताया कि पंजाब के बरनाला, मोहाली और अन्य जगहों के इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस में कई वेंटिलेटर खाली पड़े हैं और इनका कोई इस्तेमाल नहीं किया जा रहा, जबकि मौजूदा हालातों में इन की बेहद जरूरत है. इन्हें तत्काल काम में लाया जाए. इस पर हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार को इन वेंटीलेटर्स को तत्काल इस्तेमाल में लाने के आदेश दिए हैं.
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हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट को बताया कि राज्य में इस समय 231 मेट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत है, जबकि सिर्फ पानीपत प्लांट की क्षमता ही 260 मेट्रिक टन ऑक्सीजन बनाने की है लेकिन इस प्लांट से दिल्ली, पंजाब और अन्य पड़ोसी राज्यों को ऑक्सीजन की सप्लाई हो रही है.
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जिसके चलते राज्य को ऑक्सीजन की कमी झेलनी पड़ रही है और इस प्लांट से राज्य का कोटा काटकर 20 मेट्रिक टन कर दिया गया है और ज्यादा टन बनाए जाने के कारण ये प्लांट ओवरहीटिंग का शिकार हो चुका है और अपनी पूरी क्षमता में काम नहीं कर पा रहा. ऐसे में राज्य को राउरकेला से ऑक्सिजन मंगवानी पड़ रही है, जिसमें कई दिनों का समय लग रहा है.