हरियाणा

haryana

ETV Bharat / state

पंचकूला प्लॉट आवंटन मामला: ED की कार्रवाई को HC में दी गई थी चुनौती, कोर्ट ने खारिज की याचिका - हाईकोर्ट ने रद्द की ईडी के खिलाफ दायर याचिका

सुनवाई के दौरान ईडी की तरफ से एडिशनल सालिस्टर जनरल आफ इंडिया सतपाल जैन ने कहा कि ये याचिका प्री मैच्योर है. प्रभावित पक्ष ईडी की अपीलेट अथॉरिटी के सामने पहले अपनी अपील दायरे करे, उसके बाद ही हाईकोर्ट में अपील दायर की जा सकती है.

high court dismisses petition against ed action
एजेएल प्लॉट आवंटन स्कैम

By

Published : Dec 13, 2019, 2:14 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा की पूर्व हुड्डा सरकार के दौरान पंचकूला में हुए हुडा के पंचकूला इंडस्ट्रियल प्लॉट के आवंटन मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने कार्रवाई की थी. ईडी की तरफ से अगस्त में इन प्लॉट को अटैच किया किया था. ईडी की तरफ से की गई इस कार्रवाई को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. जिस पर हाईकोर्ट ने सुनवाई की.

हाईकोर्ट ने की याचिका खारिज
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि ईडी के पास अभी अपीलेट ट्रिब्यूनल का विकल्प मौजूद है. इस पर ईडी की तरफ से एडिशनल सालिस्टर जनरल आफ इंडिया सतपाल जैन ने कहा कि ये याचिका प्री मैच्योर है. प्रभावित पक्ष ईडी की अपीलेट अथॉरिटी के सामने पहले अपनी अपील दायरे करे, उसके बाद ही हाईकोर्ट में अपील दायर की जा सकती है. जैन के इस जवाब पर हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया.

भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर लगे हैं आरोप

गौरतलब है कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर अपने करीबियों को नियमों को ताक पर रखकर बेहद सस्ते दामों पर इंडस्ट्रियल प्लॉट आवंटित करने का आरोप है. पूर्व हुड्डा सरकार के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री के ओएसडी बीआर बेरी की बहू मोना बेरी, उनके सचिव राम सिंह का बेटा प्रदीप कुमार, थानेसर के पूर्व कांग्रेस विधायक रमेश गुप्ता के बेटे अमन गुप्ता, उस वक्त हरियाणा के वरिष्ठ अतिरिक्त महाधिवक्ता और मुख्यमंत्री के बेहद करीबी नरेंद्र हुड्डा की पत्नी नंदिता हुड्डा, पूर्व मंत्री करण सिंह दलाल के रिश्तेदार लेफ्टिनेंट कर्नल ओपी दहिया और मुख्यमंत्री के बेहद करीबी परिवार की सदस्य रेणु हुड्डा अलॉटमेंट का लाभ लेने वालों में शामिल थे.

ये भी पढ़िए:हल्की बारिश के साथ बढ़े ठंड के तेवर, किसानों के खिले चेहरे और प्रदूषण स्तर में भी गिरावट

फिलहाल याचिकाकर्ता अब ईडी की अपीलेट अथॉरिटी के पास अपील दायर कर सकता है. जहां से राहत न मिलने पर फिर हाइकोर्ट में याचिका दायर करने का विकल्प मौजूद रहेगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details