हरियाणा

haryana

ETV Bharat / state

चंडीगढ़ बिजली विभाग के निजीकरण के लिए जारी टेंडर पर हाईकोर्ट की रोक - chandigarh electricity department act 2003

चंडीगढ़ बिजली विभाग के निजीकरण की प्रक्रिया जारी है. जिसे अब पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने रोक दिया है. कोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन को नोटिस जारी कर इस मामले में जवाब तलाब किया है.

पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट

By

Published : Dec 2, 2020, 4:15 PM IST

चंडीगढ़:चंडीगढ़ बिजली विभाग के निजीकरण को लेकर चल रही टेंडर प्रक्रिया पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने अगले आदेश तक रोक लगा दी है. हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन को इस मामले में नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है.

यूटी पावर मैन यूनियन चंडीगढ़ की तरफ से याचिका दायर कर कहा गया कि बिजली बिल 2020 में प्रावधान ना होने के बावजूद मनमाने ढंग से बिजली विभाग का निजीकरण किया जा रहा है. याचिका में कहा गया कि प्रशासन ने शहर के बिजली विभाग को निजी हाथों में देने के लिए टेंडर जारी कर दिया जिस पर रोक लगाई जाए.

बिजली विभाग की 100 फीसदी हिस्सेदारी लेने के लिए जारी टेंडर के लिए प्रशासन ने 10 हजार करोड़ रुपये बिड सिक्योरिटी रखी है. प्रशासन की ओर से जिस भी कंपनी को नियुक्त किया जाएगा उसके पास शहर की बिजली का वितरण और रिटेल सप्लाई की जिम्मेदारी होगी. इसके लिए पहले कंपनी फाइनल की जा रही है जो बिजली विभाग की संपत्ति को अधिकृत करेगी.

ये भी पढे़ं-चरखी दादरी: फौगाट खाप ने ट्रैक्टर-ट्रालियों के जत्थे के साथ किया दिल्ली कूच, पुलिस द्वारा की गई रोकने की कोशिश

याचिका में कहा गया कि चंडीगढ़ बिजली विभाग को किस तरह से निजी हाथों में दिया जा सकता है इसके लिए कंसलटेंट हायर करने की प्रक्रिया पिछले साल ही शुरू हो गई थी. कई बार टेंडर किए गए जिसमें पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन इंटरनेशनल कंपनी लाइट को निजीकरण के सभी पेंच को समझाने का काम सौंपा था.

'चंडीगढ़ बिजली विभाग का निजीकरण कानून का उल्लंघन है'

याचिका में कहा गया कि केंद्र सरकार ने बिजली क्षेत्र में राज्यों के अधिकार खत्म करने के मकसद से बिजली एक्ट 2003 को संशोधित करने का फैसला लिया. इसके चलते चंडीगढ़ बिजली विभाग का निजीकरण करना बिजली एक्ट 2003 के प्रावधानों का सीधा उल्लंघन है. चंडीगढ़ में 2003 एक्ट के तहत जॉइंट इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमिशन अधिकृत है. ऐसे में चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा बिजली विभाग का निजीकरण करना पूरी तरह से मनमानी और तानाशाही पूर्ण फैसला है, जिसे खारिज किया जाए.

ABOUT THE AUTHOR

...view details