चंडीगढ़: एचपीएससी भर्ती फर्जीवाड़ा मामले में (HPCS recruitment fraud case) हरियाणा सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. हरियाणा सरकार ने मामले में मुख्य आरोपी HCS अनिल नागर को बर्खास्त कर दिया है. हरियाणा विजिलेंस हरियाणा लोक सेवा आयोग (एचपीएससी) के उप सचिव अनिल नागर को डेंटल सर्जन की लिखित परीक्षा में नंबर बढ़ाने के लिए लाखों रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था.
हरियाणा विजिलेंस हरियाणा लोक सेवा आयोग (एचपीएससी) के उप सचिव अनिल नागर और उनके सहयोगियों से अब तक 2.10 करोड़ रुपये बरामद कर चुकी है. आरोप है कि परीक्षा में अंक बढ़ाने के नाम पर यह रकम ली गई थी. विजिलेंस ने आयोग के कार्यालय में छापा मारकर अनिल नागर को गिरफ्तार किया था. आरोप है कि डेंटल सर्जन की लिखित परीक्षा में नंबर बढ़ाने के लिए लाखों रुपये रिश्वत अनिल नागर ने ली थी.
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क्या है मामला: गौरतलब है कि विजिलेंस ब्यूरो ने HPSC की ओर से ली जाने वाली डेंटल सर्जन भर्ती की परीक्षा के दौरान ओएमआर शीट खाली छोड़ने वालों का चयन करने का खुलासा किया था. 17 नवंबर को भिवानी निवासी नवीन पंचकूला में 20 लाख रुपये लेते पकड़ा गया था. वहीं से इस पूरे फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ.
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इसके बाद विजिलेंस ब्यूरो ने HPSC के डिप्टी सेक्रेटरी अनिल नागर (HPSC Deputy Secretary Anil Nagar) के असिस्टेंट अश्विनी के झज्जर स्थित घर में रेड मारकर एक करोड़ आठ लाख रुपये बरामद किए. तब अश्विनी ने ही खुलासा किया कि इसमें से 90 लाख रुपये अनिल नागर के हैं. इसके बाद विजिलेंस के कहने पर अश्विनी HPSC हैडक्वार्टर में बैठने वाले वर्ष 2016 बैच के एचसीएस अधिकारी अनिल नागर को उनके दफ्तर में 90 लाख रुपए देने पहुंचा. जैसे ही अनिल नागर ने कैश लिया, विजिलेंस ने उसे पकड़ लिया.
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