हरियाणा

haryana

ETV Bharat / state

हरियाणा के स्कूलों में दाखिला ले चुके अप्रवासी परिवारों के बच्चों का बनेगा आधार कार्ड, सीएम ने दिए आदेश - हरियाणा जीरो ड्रॉप आउट पॉलिसी

Haryana Zero Drop Out Policy: बुधवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में सीएम ने सूबे को जीरो ड्रॉप आउट बनाने पर जोर दिया.

Cm Meeting With Education Officials
Cm Meeting With Education Officials

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Nov 22, 2023, 10:52 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार प्रदेश को जीरो ड्रॉप-आउट राज्य बनाने के लिए लगातार कोशिश कर रही है. इसी को लेकर सीएम मनोहर लाल ने अधिकारियों के साथ बैठक की. जिसमें सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पीपीपी डाटा में दर्ज 6 से 18 साल के बच्चों को ट्रैक करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि कोई भी बच्चा किसी सरकारी या निजी स्कूल, गुरुकुल, मदरसे या कदम स्कूल (स्पेशल ट्रेनिंग सेंटर) इत्यादि में नामांकित नहीं है, तो उसे शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रयास किए जा सकें.

मुख्यमंत्री ने कहा कि हर बच्चा स्कूली शिक्षा ग्रहण करें, यही सरकार का प्राथमिक उद्देश्य है. बच्चे अच्छे नागरिक बनें और राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दें. इसके लिए बच्चों और शिक्षक का अनुपात सही होना चाहिए. बच्चों को स्कूल तक आने-जाने में किसी प्रकार की दिक्कत ना हो, इसके लिए सरकार ने योजना बनाई है. जिसके तहत गांव से 1 किलोमीटर की दूरी से अधिक पर स्थित स्कूलों में आने-जाने के लिए सरकार की ओर से बच्चों को परिवहन की सुविधा प्रदान की जाएगी.

इसके लिए हर स्कूल में एक शिक्षक को स्कूल ट्रांसपोर्ट ऑफिसर के रूप में नामित किया जाएगा. जिसका काम ऐसे बच्चों के साथ समन्वय स्थापित करना होगा. जिन्हें परिवहन सुविधा की आवश्यकता है. इसी प्रकार, ब्लॉक स्तर पर भी एक स्कूल ट्रांसपोर्ट ऑफिसर (एसटीओ) नामित किया जाएगा, जो ब्लॉक में स्थित स्कूलों के एसटीओ के साथ समन्वय स्थापित कर परिवहन की सुविधा सुनिश्चित करने का कार्य करेगा.

सीएम ने डीईओ को निर्देश देते हुए कहा कि एमआईएस पोर्टल पर सभी विद्यार्थियों का डाटा निरंतर अपडेट करें. डीईओ ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि लगभग 3 हजार बच्चे ऐसे हैं, जिनका आधार कार्ड नहीं बना हुआ है, जिसकी वजह से उनका डाटा एमआईएस पर अपडेट नहीं किया जा सकता. ये बच्चे अप्रवासी परिवारों से हैं और उनके जन्म तिथि का कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं है, ना ही उनके अभिभावकों के पास दस्तावेज उपलब्ध हैं, जिससे आधार कार्ड बनाया जा सके. इस पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के स्कूलों में दाखिला ले चुके ऐसे अप्रवासी परिवारों के बच्चों का आधार कार्ड बनाया जाएगा.

इसके लिए माता-पिता को केवल बच्चे की जन्म तिथि के लिए नोटरी से सत्यापित एफिडेविट डीईओ को प्रदान करना होगा, जिस पर हेड टीचर काउंटर हस्ताक्षर करेगा. ये दस्तावेज अतिरिक्त जिला उपायुक्त के पास प्रस्तुत किया जाएगा और आधार कार्ड बनाया जा सकेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 के अनुरूप बचपन से ही बच्चों की बुनियाद सुदृढ़ करने के लिए सरकार ने 4 हजार आंगनबाड़ियों को बाल वाटिका में परिवर्तित किया है, जहां बच्चों को खेल-खेल में शिक्षा प्रदान की जा रही है. अब राज्य सरकार की ये योजना है कि जो बाल वाटिकाएं स्कूल परिसर में स्थित हैं, उनकी जिम्मेदारी स्कूल की होगी, ताकि बच्चों को और बेहतर शिक्षामिल सके.

ये भी पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट ने पराली प्रबंधन पर क्यों की हरियाणा सरकार की सराहना? पंजाब सरकार को भी दी सीख लेने की सलाह, जानें पूरा मामला

ABOUT THE AUTHOR

...view details