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Haryana Year Ender 2021: इस साल हजारों ने जान गंवाई, जानें कैसी थी कोरोना की दूसरी लहर से हरियाणा की लड़ाई - Omicron Cases in haryana

साल 2021 में हरियाणा ने कोरोना की दूसरी लहर (Second wave of corona in 2021) का सामना किया. लोगों ने सबसे बुरे दौर को झेला है, अपनों को खोया है. हालात ये हो गए कि प्रदेश में शहर-शहर मौत की खबरें आने लगी थीं, श्मशान घाट शवों से भर गए थे. चलिए नजर डालते हैं साल 2021 में हरियाणा में कोरोना की वजह से घटित बड़ी घटनाओं पर-

Haryana Year Ender 2021
साल 2021 में हजारों ने जान गंवाई, जानें कैसी थी करोना की दूसरी लहर से हरियाणा की लड़ाई

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Published : Dec 31, 2021, 6:51 PM IST

चंडीगढ़: साल 2021 की शुरुआत में हरियाणा में कोरोना की पहली लहर खत्म हो चुकी थी. हरियाणा में रोजाना मिल रहे संक्रमण के मामले भी लगातार गिर रहे थे. ऐसे में सरकार की तरफ से भी ढील दी गई. शॉपिंग मॉल और रेस्तरां में लोगों की भीड़ लग रही थी, शायद यहीं गलती हुई और मार्च आते-आते कोरोना की दूसरी लहर (Second wave of corona in 2021) ने दस्तक दे दी.

लापरवाही ने पूरा खेल बिगाड़ा

जनवरी, फरवरी और मार्च के दूसरे सप्ताह तक हरियाणा में ज्यादातर लोग मास्क लगाना भूल चुके थे. बाजारों में भीड़ लौट चुकी थी. लोग लापरवाही बरतने लगे, परिणाम ये हुआ कि प्रदेश में कोरोना का संक्रमण बढ़ने लगा. हालांकि, ये शोध का विषय है कि कोरोना की दूसरी लहर का हरियाणा में इतना असर कैसे हुआ, लेकिन सरकार की तरफ से रोजाना जारी कोरोना आंकड़ों से कोरोना की तीसरी लहर के बढ़ते कदम साफ देखे जा सकते हैं. मार्च के दूसरे हफ्ते में कोरोना ने प्रदेश में कोहराम मचाना शुरू किया. जहां औसतन 200 मामले रोजाना सामने आते थे, 20 मार्च के बाद रोजाना एक हजार पार होने लगे. वहीं रिकवरी रेट भी लुढ़कने लगी.

मार्च के महीने में तेजी से बढ़ा कोरोना

दूसरी लहर का आतंक

कोरोना की वजह से अप्रैल का महीना 'येलो अलर्ट' की तरह था. प्रदेश में कोरोना केस तेजी से बढ़ रहे थे. हर पांचवें दिन मामले डबल होने लगे, फिर भी बाजारों में लोगों की लापरवाही नहीं कम हुई. हालांकि सार्वजनिक स्थानों पर मास्क और सोशल डिस्टेंस अनिवार्य था, लेकिन सिर्फ औपचारिकता भर के लिए नियम थे. कोरोना की गति अप्रैल आखिरी हफ्ते में बुलेट की रफ्तार से बढ़ी. एक अप्रैल को जहां 24 घंटे में 1609 नए मामले सामने आए थे, वहीं 30 अप्रैल को ये आंकड़ा 13833 तक पहुंच गया.

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प्रदेश में लगा दूसरी बार लॉकडाउन

मई आने तक कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने तबाही मचाना शुरू कर दिया था. अकेले हरियाणा में रोजाना 150 से अधिक मौत होने लगी थीं और 15 हजार से अधिक एक्टिव केस पहुंच चुके थे. देशभर के कई राज्यों की तरफ से लॉकडाउन लगाकर कोरोना की चेन तोड़ने का प्रयास किया जा रहा था. इसी कड़ी में हरियाणा सरकार की तरफ से लॉकडाउन को नए नाम के साथ 3 मई को जारी (Lockdown in haryana) किया गया. लॉकडाउन में रखे गए प्रतिबंधों को महामारी अलर्ट- सुरक्षित हरियाणा का नाम दिया गया. लॉकडाउन लगाने के बाद हरियाणा में हालात सुधरे और जून के आखिरी हफ्ते तक रोजाना नए केस 150 से भी कम हो गए.

मौत के आंकड़ों में उछाल

अप्रैल महीने में हरियाणा में कोरोना संक्रमण का जबरदस्त उछाल आया. प्रदेश में 1 अप्रैल को 3146 केस सामने आए थे, लेकिन पहले सात दिनों में ही प्रदेश में 55 लोगों ने दम तोड़ा. अप्रैल के दूसरे हफ्ते में 115 लोगों की मौत (Corona Patients Deaths In Haryana) हो गई. वहीं 15 अप्रैल से 30 अप्रैल के बीच करीब 882 लोगों की कोरोना से जान चली गई. यानी पूरे अप्रैल महीने में 1052 लोगों की जान चली गई.

अप्रैल के महीने में बढ़ी कोरोना मरीजों की मौत

वहीं मई का पहला हफ्ता भी काफी जानलेवा रहा है. मई के शुरूआती तीन दिन में ही 410 लोगों की मौत हो चुकी थी. इनमें से ज्यादातर लोगों की मौत सांस नहीं ले पाने की वजह से हुई. हालांकि लॉकडाउन के बाद स्थिति सुधरी. ऑक्सीजन सप्लाई में भी सुधार हुआ और मौतों के आंकड़ों में भी कमी आई. सरकार के आदेश के बाद 18+ युवाओं का वैक्सीनेशन भी तेजी से शुरू हुआ.

मई महीने में हुई कोरोना से मौतें

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श्मशान घाट में शवों की लाइन

कोरोना की दूसरी लहर में ज्यादा जानलेवा थी. ये वायरस मरीजों के फेफड़ों पर असर करता था. जिस वजह से मरीज की सांस उखड़ने लगती थी, ऑक्सीजन की कमी और अचानक मरीजों की बढ़ती संख्या की वजह से कमजोर मरीजों की मौत होने लगी. इससे प्रदेश में मरीजों की मौत का आंकड़ा बढ़ने लगा. स्थिति इतनी विकट हो गई थी कि रोजाना 150 से ज्यादा मरीजों की मौत होने लगी. ऐसे में प्रदेश के श्मशान घाटों में भीड़ लगने (cremation grounds full by covid deaths) लगी. हालात ऐसे हो गए कि कई शहरों में श्मशान घाट पर शवों की लाइनें लगनी लगी.

श्मशान घाट में कोरोना मरीजों का अंतिम संस्कार होता हुआ.

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अस्पतालों में ऑक्सीजन संकट

अप्रैल का आखिरी हफ्ता और मई के पहले दो हफ्ते हरियाणा के लिए बहुत भयानक साबित हुए. इस दौरान हरियाणा में हजारों लोग संक्रमित हुए. ऑक्सीजन की कमी (Oxygen Shortage in Haryana) से लोगों की अस्पतालों में मौत की खबर सामने आईं. सरकार को अस्थाई अस्पताल बनाने पड़े. केंद्र की मदद से बोकारो स्टील प्लांट से रेल के जरिए हरियाणा में ऑक्सीजन की सप्लाई की गई. प्रदेश के हर सिविल अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट बनाने के आदेश दिए गए.

ऑक्सीजन सिलेंडर भरवाते लोग

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कोरोना वैक्सीनेशन

साल 2021 कोरोना काल के प्रकोप की तोड़ लाने वाला साल के रूप में भी जाना जाएगा. साल 2021 में कोरोना वैक्सीनेशन को देश की जनता को लगाने की अनुमति दी गई. हरियाणा में भी 16 जनवरी से कोविड-19 का टीकाकरण अभियान की शुरुआत (Covid Vaccination in haryana) हुई. कोरोना वॉरियर्स स्वास्थ्य व सफाई कर्मियों को कोरोना वैक्सीन लगाई गई. दूसरे चरण में हरियाणा में सरकारी अधिकारियों और कर्मियों को वैक्सीनेश लगे, तीसरे चरण में 1 मार्च से आम जनता के लिए कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण की शुरूआत हुई. तीसरे चरण में 60 वर्ष से अधिक के व्यक्तियों को टीकाकरण किया गया.

कुरुक्षेत्र में पहली बार पहुंची कोविशील्ड की डोज के साथ अधिकारी

चौथे चरण में 45+ आयु वाले लोगों का टीकाकरण हुआ. 1 मई से 18+ आयु के लोगों का टीकाकरण शुरू हुआ. प्रदेश में कोरोना वैक्सीनेशन भी प्रभावी ढंग से चल रही है. प्रदेश में लोगों को कुल 3 करोड़ 40 लाख 33 हजार 108 कोरोना वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है. गुरुवार को पहली डोज एक लाख 12 हजार 971 लोगों को लगी है. वहीं दूसरी डोज 2 लाख 23 हजार 438 लोगों को लगी हैं.

रंग-बिरंगे फंगस का कहर

पहले से ही कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहे प्रदेश में ब्लैक फंगस फिर व्हाइट फंगस और अब येलो फंगस के मामले (Black fungus cases in haryana) बढ़ने लगे. 20 मई तक प्रदेश में 226 मामले सामने आ चुके थे. जून महीने तक हरियाणा में फंसस के मामले बढ़ने लगे. कई मरीजों की आंखें निकालनी पड़ी.

ब्लैक फंगस से पीड़ित मरीज की जांच करते हुए डॉक्टर

दो जून तक हरियाणा 84 लोगों की ब्लैक फंगस से मौत हो गई. हिसार में 29, गुरुग्राम में 18, रोहतक में 9, सिरसा में 7, करनाल में 5, पंचकूला 3, नूंह और पानीपत में 2-2 लोगों की मौत, भिवानी, फतेहबाद और कैथल में 1-1 मरीज की ब्लैक फंगस से मौत हुई है. प्रदेश में ब्लैक फंगस को लेकर इमरजेंसी नोटिफिकेशन जारी किया गया. सरकार ने ब्लैक फंगस के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं को विदेश से भी आयात करने का फैसला किया है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग की सतर्कता के साथ फंगल के मामलों पर रोक पाई गई.

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रिकॉर्ड तोड़ वैक्सीनेशन

प्रदेश में वैक्सीनेशन को रफ्तार देने के लिए हरियाणा सरकार, प्रशासन और समाजिक संस्थाओं ने पूरी कोशिश की, लेकिन वैक्सीनेशन को लेकर फैली अफवाहों की वजह से बहुत बड़ी आबादी के दिल में डर बना हुआ है. आलम ये है कि हरियाणा के नूंह जिले में लोग की वैक्सीन से खौफजदा हैं. लोगों का कहना है कि अगर वो वैक्सीन लगवाएंगे तो मर जाएंगे. ऐसे में प्रशासन ने ड्राइव थ्रू वैक्सीनेशन, घर-घर वैक्सीनेशन, वैक्सीनेशन करवाओ गिफ्ट पाओ जैसे अभियान (Vaccination Campaigns in haryana) चलाए, जिससे प्रदेश में टीकाकरण ने रफ्तार पकड़ी.

वैक्सीनेशन के लिए लोगों को प्रेरित करने लिए मेडिकल एसोसिएशन का ऑफर.

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दूसरी लहर का अंत

जुलाई के पहले हफ्ते में डब्ल्यूएचओ ने दूसरी लहर के अंत की घोषणा की. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक जुलाई के पहले हफ्ते के बाद लॉकडाउन में ढील देनी चाहिए. इसके बाद प्रदेश सरकार ने भी लोगों को लॉकडाउन में ढील (Relaxation in lockdown in haryana) देने की शुरुआत की. प्रदेश में हालात सुधरने लगे थे. अस्पतालों में मरीजों की संख्या भी कम हो चुकी थी. अस्थाई अस्पताल भी करीब-करीब खाली हो चुके थे. प्रदेश में ऑक्सीजन की सप्लाई भी ठीक हो गई थी. ऐसे में जिंदगी फिर से बुरे दौर की यादों को भुला कर पटरी पर लौटने लगी थी.

वैक्सीनेशन करते हुए लोग

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गुरुग्राम में 100 प्रतिशत वैक्सीनेशन

21 दिसंबर, 2021 को वैक्सीनेशन को लेकर प्रोत्साहित करने वाली खबर सामने आई. साइबर सिटी गुरुग्राम में सौ प्रतिशत आबादी को कोरोना के दोनों टीके लगाए जा चुके (100 Percent Vaccination In Gurugram) हैं. गुरुग्राम में कोरोना की पहली डोज 128 प्रतिशत लोगों को लगाई गई है. जबकि दूसरी डोज 101 फीसदी लोगों को लगाई जा चुकी है. बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाला जिला गुरुग्राम ही था. कोरोना की दूसरी लहर में अकेले गुरुग्राम में करीब 80 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हुए थे.

गुरुग्राम में हुई 100 प्रतिशत वैक्सीनेशन

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कोरोना की तीसरी लहर की दस्तक

साल 2021 कोरोना की दूसरी लहर की खौफनाक यादों के साथ जुड़ा ही था, कि साल खत्म होते-होते 2 दिसंबर को भारत में कोरोना की तीसरी लहर की दस्तक हुई. भारत में कोरोना के म्यूटेंट वेरिएंट 'ओमीक्रोन' के केस मिले. धीरे-धीरे ओमीक्रोन के मामले हरियाणा (Omicron Cases in haryana) में भी बढ़ने लगे हैं. हरियाणा के करनाल जिले में ओमीक्रॉन का पहला मामला मिला. धीरे-धीरे ओमीक्रोन के केस बढ़ रहे हैं. 30 दिसंबर को ही हरियाणा में 23 ओमीक्रोन के मामले सामने आए. हरियाणा हेल्थ बुलेटिन के मुताबिक हरियाणा में ओमीक्रोन के अभी तक 37 मरीज मिल चुके हैं.

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