चंडीगढ़: हरियाणा के सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग ने पश्चिमी यमुना नहर कैरियर सिस्टम और सिरसा शाखा, हांसी शाखा, जेएलएन फीडर, भालौट शाखा, दिल्ली शाखा और गुरुग्राम जल आपूर्ति चैनल के मेन ऑफ-टेक्स का पुनरोद्धार करने के लिए 3251 करोड़ रुपये की परियोजनाएं तैयार की है. मुख्य वाहक प्रणाली और उसके मुख्य ऑफ-टेक्स के पुनरोद्धार के बाद, मानसून अवधि के दौरान राज्य को लगभग 4800 क्यूसेक अतिरिक्त पानी उपलब्ध होगा.
ये जानकारी मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक में दी गई. उन्होंने इस परियोजना के निष्पादन के लिए विभाग को एक समयबद्ध कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए. बैठक के दौरान बताया गया कि सूक्ष्म सिंचाई कोष के तहत नाबार्ड से 162 आउटलेट्स की समुदाय आधारित सूक्ष्म सिंचाई की 2 परियोजनाओं को मंजूरी मिल गई है और बहुत जल्द इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा.
700 क्यूसेक अतिरिक्त क्षमता बढ़ाई गई
इस दौरान बताया गया कि 210 करोड़ रुपये की लागत से पश्चिमी यमुना नहर कैरियर सिस्टम के पुनरोद्धार के बाद मानसून अवधि के दौरान अधिकतम उपलब्ध पानी का उपयोग करने के लिए हमीदा हेड से मुनक हेड तक 3700 क्यूसेक की अतिरिक्त क्षमता बढ़ाई गई है.
इसके अलावा, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, चरखी दादरी, भिवानी और झज्जर जिलों में लिफ्ट सिंचाई प्रणाली के विभिन्न पंपों, मोटरों और अन्य सहायक उपकरणों को बदलने और उनके पुनरोद्धार पर लगभग 200 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जा रही है. पूर्ण पुनरोद्धार के बाद लगभग 2100 क्यूसेक की उठान क्षमता बहाल हो जाएगी. ये पूरी परियोजना 31 दिसंबर, 2020 तक पूरी हो जाएगी.