चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने एक वीडियो संदेश जारी कर प्रदेश में व्यवस्थित ढंग से लॉक डाउन पीरियड बढ़ाने की बात की है. सीएम मनोहर लाल ने लॉक डाउन प्लान का मॉडल जनता के सामने रखा है. सीएम ने इस दौरान प्रदेश को तीन जोन में बांटे जाने का भी जिक्र किया है.
देश में कोरोना के बढ़ते संकट को देखते हुए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन कम से कम 30 अप्रैल तक बढ़ सकता है. 11 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई एक बैठक में इस पर व्यापक रूप से आम सहमति बनी है. यदि लॉकडाउन की अवधि बढ़ती है तो देश को तीन जोन में बांटा जाएगा, जो होंगे रेड, ऑरेंज और ग्रीन स्पॉट.
सीएम ने बताया कैसा होगा लॉकडाउन-2.O, यहां जानिए सबकुछ CM ने विस्तार से बताए तीनों जोन
सोमवार को सीएम खट्टर ने एक वीडियो जारी कर कहा कि इस बार लॉक डाउन फेस्ड मैनर मे करेंगे, ताकि हमारे मजदूर, किसान, कामगार और उद्योगपति बर्बाद ना हों, इसलिए पूरे क्षेत्र को तीन भागों में बांट कर लॉक डाउन आगे बढ़ाने की योजना बनाई है. इस दौरान सीएम ने तीनों जोनों तो वित्सार से समझाया है.
कौन से हैं ये तीन जोनः
रेड जोन- वो क्षेत्र जो कोरोना से प्रभावित क्षेत्र हैं, इस जोन में हॉटस्पॉट एरिया को चिन्हित किया गया है. इस जोन में गुरुग्राम, फरीदाबाद, नूंह, पलवल जिले आते हैं.
ओरेंज जोन- वो क्षेत्र जहां कम मात्रा में कोरोना केस हैं या फिर ज्यादा संख्या में संदिग्ध मरीज हैं. जहां एनआरआई हैं, जिन क्षेत्रों में क्वारनटाइन लोगों की संख्या ज्यादा है.
ग्रीन जोन- वो जिले जहां पॉजिटिव केस ना के बराबर हैं या फिर 1 या दो ही सामने आए हैं. जिनमें काफी कम मात्रा में लोग बाहर से आए हैं.
काम के लिए छूट मिली है, लॉक डाउन जारी रहेगा
सीएम ने एक बात साफ कहा है कि लॉक डाउन पूरे प्रदेश में जारी रहेगा. प्रदेशभर में तीनों जोन में लॉक डाउन का पालन करने के लिए नियम एक से होंगे. ये छूट बस आर्थिक स्थिति गड़बड़ ना हो इसलिए कामगारों को दी गई है. सीएम ने कहा कि लॉक डाउन की जगह हमें लॉक इन की स्थिति बनानी होगी, यानी जहां कम संख्या में काम करने वाले संस्थान हैं उन्हें खुद काम करने की स्थिति बनानी होगी.
उद्योगों और कमर्शियल सेक्टर को क्या करना होगा ?
सीएम ने सभी कर्मशियल सेक्टर्स को ये निर्देश दिए हैं कि उन्हें काम करने की छूट तो होगी, लेकिन सोशल डिस्टेंस के साथ काम करने के तरीके खुद प्लान करने होंगे. कर्मियों के लिए एक दूसरे से दूर और सुरक्षित दूरी निर्धारित करने का तरीका बनाना होगा. कर्मियों को खाने-पीने और ठहरने की व्यवस्था करनी होगी. कर्मयों को रात में रुकने और उनकी सुरक्षा की व्यवस्था भी करनी होगी.