चंडीगढ़: हरियाणा में अधिकतर जिलों में प्री मानसून बारिश (pre monsoon rain haryana) हो चुकी है. साथ ही कई जिलों में मूसलाधार बारिश भी हुई है. वहीं हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एमएल खीचड़ ने बताया कि मानसूनी नमी वाली हवाओं के कारण 12 जून रात से 17 जून तक हरियाणा के ज्यादातर क्षेत्रों हल्की बारिश हो चुकी है. वहीं आज यानी 18 जून से 21 जून तक अब मौसम के शुष्क रहने की संभावना है.
मौसम बदलाव के कारण
मौसम में बदलाव का कारण पश्चिमीविक्षोभ के प्रभाव से आने वाली हवाएं बताई जा रही हैं. ये हवाएं राजस्थान के ऊपर बने एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन के कारण अधिक ऊंचाई वाली पाश्चिमी हवाओं के चलने से बंगाल की तरफ से चलने वाली पुरवाई मानसूनी हवाओं की सक्रियता को कम कर दिया है. जिससे मानसून (monsoon) की उत्तरी सीमा 15 जून से आगे नहीं बढ़ पा रही है.
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मौसम पूर्वानुमान
मौसम विभाग (weather department) के अनुसार पश्चिमीविक्षोभ के आंशिक प्रभाव और राजस्थान के ऊपर बने एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन के कारण राज्य में मौसम 21 जून तक शुष्क रहने की संभावना जताई जा रही है. तो वहीं उत्तरी व पाश्चिमी क्षेत्रों में 19 व 20 जून को गरज-चमक व तेज हवाओं के साथ कहीं कहीं बूंदाबांदी या हल्की बारिश होने की संभावना है. इसके बाद 21 जून से मौसम आमतौर पर साफ रहने की संभावना है.
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मौसम आधारित कृषि सलाह :
- धान की नर्सरी में आवश्यतानुसार सिंचाई व खाद जरुर डालें. साथ ही धान लगाने के लिए अच्छी तरह से खेत तैयार कर नमी संचित करें.
- ज्वार, बाजरा और अन्य खरीफ फसलों के लिए खेत तैयार कर उत्तम किस्मों के बीजों का प्रबंध करें और बिजाई करते समय बदलते मौसम का ध्यान जरूर रखें.
- नरमा/कपास और सब्जियों के खेतों में आवश्यकतानुसार निराई गुड़ाई कर नमी संचित करें.
- अगर नर्सरी में पीलापन आए तो 0.5% जिंकसल्फेट, 0.5% फेरससल्फेट और 2.5% यूरिया का घोल बनाकर छिड़काव करें.