चंडीगढ़: कालका से कांग्रेस के विधायक प्रदीप चौधरी की सदस्यता को लेकर जल्द ही विधानसभा की तरफ से फैसला लिया जा सकता है, क्योंकि इस मामले पर विधानसभा स्पीकर की तरफ से हरियाणा के एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन से एक कानूनी राय मांगी थी जो कि जल्द ही मिलने वाली है.
इस मामले पर नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा की तरफ से भी विधानसभा स्पीकर ज्ञान चंद को पत्र लिखा गया था. ज्ञान चंद के अनुसार एडवोकेट जनरल हरियाणा 1 से 2 दिनों में अपनी राय भेज देंगे, जिसके बाद फैसला लिया जाएगा.
कांग्रेस विधायक प्रदीप चौधरी सदस्यता मामला: विधानसभा स्पीकर बोले, कानूनी सलाह के बाद लेंगे फैसला ये भी पढ़ें:अनिल विज ने कोरोना वॉरियर्स को किया सलाम, जान गंवाने वाले कर्मचारियों को मिलेगा मुआवजा
हरियाणा विधानसभा स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का पत्र मिलने के बाद कल ही उन्होंने हरियाणा के एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन से बात की थी. बलदेव राज महाजन ने बताया कि कई वकील कोरोना से संक्रमित हैं जिसके चलते इसमें देरी हो रही है.
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ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि 1 से 2 दिनों में बलदेव राज महाजन ने रिपोर्ट देने को कहा है. विधानसभा स्पीकर ने कहा कि प्रदीप चौधरी ने पत्र लिखकर अथॉरिटी को चैलेंज किया था. उन्होंने कहा था कि उन्हें इस तरह से हटाया नहीं जा सकता. ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि अब इस मामले में प्रदीप चौधरी ने एक और पत्र भेजा है जिसमें उन्होंने कहा कि उनके पहले पत्र को विड्रन समझा जाए.
क्यों हुई थी प्रदीप चौधरी की सदस्यता रद्द?
दरअसल हिमाचल प्रदेश में हरियाणा के कालका से विधायक प्रदीप चौधरी को 3 साल जेल की सजा सुनाई गई थी. विधायक समेत 15 लोगों को नालागढ़ कोर्ट ने तीन-तीन साल की जेल की सजा और 85-85 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था.
नालागढ़ की निचली अदालत ने साल 2011 के मामले में इन्हें दोषी करार दिया था. पूरा मामला एक युवक की मौत के बाद बद्दी चौक पर जाम लगाने और सरकारी काम में बाधा उत्पन्न करने से जुड़ा है.