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गणतंत्र दिवस 2023: अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव की थीम पर तैयार की गई हरियाणा की झांकी, कर्तव्य पथ पर बिखेरेगी छटा - राजपथ कर्तव्य पथ परेड

26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस 2023 पर इस बार कर्तव्य पथ पर हरियाणा का गौरव देखने को मिलेगा. रविवार को दिल्ली में हरियाणा की झांकी का आधिकारिक रूप से अवलोकन कराया गया.

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हरियाणा की झांकी

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Published : Jan 22, 2023, 3:38 PM IST

साल 2022 में खिलाड़ियों की थीम पर निकाली गई थी हरियाणा की झांकी

चंडीगढ़: 26 जनवरी को भारत इस साल अपना 74वां गणतंत्र दिवस 2023 मनाने जा रहा है. 1950 में इस दिन देश का संविधान लागू किया गया था. गणतंत्र दिवस के मौके पर राजपथ पर परेड में भारत के शौर्य और संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी. जिसमें हरियाणा की झांकी भी शामिल रहेगी. रविवार को दिल्ली में झांकी का आधिकारिक रूप से अवलोकन कराया गया. इस बार हरियाणा की झांकी अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव की थीम पर तैयार की गई है. भगवान श्री कृष्ण का विराट स्वरूप झांकी का मुख्य आकर्षण होगा.

हरियाणा के इतिहास में ये पहली बार होगा कि लगातार दूसरे साल 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस परेड में हरियाणा की झांकी शामिल होगी. पिछले साल खेलों में नंबर वन हरियाणा की थीम पर हरियाणा की झांकी राजपथ पर चली थी. बता दें कि गणतंत्र दिवस पर परेड आयोजित करने की पूरी जिम्मेदारी भारत के रक्षा मंत्रालय की होती है. इसलिए राज्य और केंद्र शासित प्रदेश रक्षा मंत्रालय को अपनी झांकी प्रस्तुत करते हैं, जहां वो चुने गए विषय के आधार पर अपने विचार प्रस्तुत करते हैं.

कैसे डिजाइन की जाती हैं झांकी? गणतंत्र दिवस परेड की झांकी के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अपने क्षेत्र के बेहतरीन विकास या ऐतिहासिक महत्व के क्षेत्रों का प्रदर्शन करना आवश्यक है. गणतंत्र दिवस परेड के दौरान प्रस्तुत की जाने वाली झांकियों में इतिहास, उपलब्धियां, स्वतंत्रता संग्राम, कार्य और संकल्प को शामिल किया जा सकता है. जिसके बाद उन्हें कड़ी चयन प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. उसके बाद ही वो गणतंत्र दिवस परेड की झांकी का हिस्सा बन पाते हैं. वरना उन्हें रिजेक्ट कर दिया जाता है.

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की थीम पर भी निकाली जा चुकी है हरियाणा की झांकी

झांकी का प्रस्ताव तैयार करने के लिए शासन द्वारा दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं. राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा अपनी झांकी के लिए की गई पहल में युवा योग्य डिजाइनरों, छवियों और सामग्री के उज्ज्वल प्रदर्शन के लिए इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले वॉल शामिल होनी जरूरी है. गणतंत्र दिवस परेड की झांकी के लिए एलईडी लाइटिंग, 3 डी प्रिंटिंग का एक अभिनव उपयोग भी होना चाहिए, मेक्ट्रोनिक्स या रोबोट का उपयोग करके चलने वाले तत्वों का उपयोग कुछ तत्वों को प्रदर्शित करने के लिए भी किया जा सकता है. वर्चुअल वास्तविकता और कृतिम तकनीकों के उपयोग के साथ साथ पर्यावरण फ्रेंडली सामग्रियों के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जा सकता है.

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झांकी का आकार भी विशेष होना चाहिए: गणतंत्र दिवस परेड के दौरान, प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश को एक ट्रैक्टर प्रदान किया जाता है और उसी पर झांकी की प्रस्तुति आवश्यकत होती है, इसमें बाकि अन्य वाहन का उपयोग वर्जित है. राज्यों के पास रक्षा मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए ट्रैक्टर-ट्रेलर को अपने वाहन से बदलने का विकल्प है, हालांकि, ये दो से अधिक नहीं होना चाहिए. झांकी को मोड़ने और चलाने के लिए रक्षा मंत्रालय ट्रैक्टर और ट्रेलर के बीच 6 फीट की दूरी तय करता है. ट्रैक्टर का आकार 24 फीट 8 इंच लंबा, 4 फीट ऊंचा और 8 फीट चौड़ा होता है. दूसरी ओर ट्रेलर 10 टन तक का ही भार ढो सकता है. इसलिए गणतंत्र दिवस परेड की झांकी 16 फीट से अधिक ऊंची, 45 फीट लंबी और 14 फीट से ज्यादा चौड़ी नहीं होनी चाहिए.

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