चंडीगढ़: पंजाब विश्वविद्यालय में हरियाणा की हिस्सेदारी को लेकर वीरवार को बैठक हुई. हरियाणा और पंजाब के सीएम के बीच हुई इस बैठक के बारे में चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित ने बताया कि इस मुद्दे पर सकारात्मक माहौल में बातचीत हुई है. उन्होंने कहा कि हरियाणा अपने कॉलेजों की एफीलेशन पीयू से करना चाहता है. ये पंजाब और हरियाणा दोनों के लिए बेहतर होगा. ऐसा करने से पंजाब विश्वविद्यालय की आर्थिक हालत भी सुधरेगी.
पहले पंजाब विश्वविद्यालय के खर्चे में 60 फीसदी हिस्सा केंद्र, 20 फीसदी पंजाब और 20 फीसदी हिस्सा हरियाणा देता था, लेकिन नब्बे के दशक में पंजाब विश्वविद्यालय से हरियाणा नाराज होकर अलग हो गया था. उन्होंने बताया कि अगर अब हरियाणा अपने कॉलेजों की पंजाब विश्वविद्यालय से एफिलेशन करता है, तो इसका फायदा पीयू को भी मिलेगा और पंजाब पर भी आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा.
अगर हरियाणा के कॉलेजों को एफिलेशन मिलती है, तो केंद्र 60 फीसदी, 20 फीसदी पंजाब और 20 फीसदी हिस्सा हरियाणा अनुदान के तौर पर देगा. उन्होंने कहा कि हमारे बच्चे विदेश में जाकर पढ़ाई करते हैं, तो ऐसे में हरियाणा को पंजाब विश्वविद्यालय से अपने कॉलेज के एफिलेशन करवाने से मना करना सही नहीं है. उन्होंने कहा कि अगली बैठक इस मुद्दे पर 5 जून को होगी और उन्हें उम्मीद है कि नतीजे अच्छे निकलेंगे.
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बीते दिनों पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल ने चंडीगढ़ प्रशासन पर आरोप लगाए थे कि लोगों के पैसे का गलत उपयोग किया जा रहा है. शहर के कई अधिकारी टैक्स के पैसों पर कॉरपोरेशन कर रहे हैं. ऐसे में चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित ने बताया कि 2 दिन पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल ने कहा था कि जो भी चंडीगढ़ में पैसा इकट्ठा होता है, ये पैसा बीजेपी फंड में जाता है और खर्च नहीं होता. जिसके चलते कॉरपोरेशन में टैक्स बढ़ाना पढ़ता है. प्रशासक ने बताया कि शायद बंसल स्टेटमेंट देते हुए पूरी तैयारी नहीं की, क्योंकि असल में जो हालत हैं. वो विपरीत हैं. यूटी में छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है.