चंडीगढ़ :पंजाब में एसवाईएल को लेकर प्रदेश के सियासी दल अपनी सरकार पर हमलावर है. पंजाब के सभी दल पंजाब सरकार पर राज्य के हितों की अनदेखी का आरोप लगा रहे हैं. खासतौर पर पंजाब कांग्रेस के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने सीएम और स्पीकर के इस्तीफे की मांग की है.
सीएम को अभय चौटाला का खत : वहीं हरियाणा में भी इस मुद्दे पर सियासी हलचल जारी है. एसवाईएल के मुद्दे पर इनेलो के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने हरियाणा के सीएम को पत्र लिखा है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि पिछले करीब 18 साल से पंजाब सरकार एसवाईएल के निर्माण में रुकावटें पैदा कर रही है और सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना कर रही है. पंजाब सरकार लगातार नकारात्मक रवैया अपना रही है, जिससे हरियाणा के हितों की अनदेखी हो रही है.
सीएम मनोहर लाल खट्टर को अभय सिंह चौटाला का खत ये भी पढ़ें :Haryana Punjab SYL Dispute Ground Report: एसवाईएल को लेकर हरियाणा और पंजाब के बीच वर्षों से जद्दोजहद, जानिए कुरुक्षेत्र में क्या है स्थिति?
हो रही भड़काऊ बयानबाज़ी : उन्होंने ये भी लिखा है कि 4 अक्टूबर को सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट आदेश दिए हैं कि अधिग्रहण भूमि की सुरक्षा और नहर के निर्माण के लिए पंजाब और केंद्र सरकार तत्काल प्रभावी कदम उठाए. लेकिन ये विडंबना है कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के बावजूद पंजाब सरकार और राजनीतिक पार्टियां इस मामले पर उत्तेजित और भड़काऊ बयानबाजी कर रही है.
विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाए : साथ ही उन्होंने सीएम से अनुरोध किया कि वे सभी राजनीतिक पार्टियों की एक सर्वदलीय बैठक बुलाए. ताकि इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हो सके और सभी को एकमत करके आवश्यक कदम उठाए जा सकें. वहीं एसवाईएल के मुद्दे पर विधानसभा का विशेष सत्र भी बुलाया जाए ताकि एक कड़ा संदेश दिया जा सके कि इस मुद्दे पर सारा हरियाणा एक है. ऐसा कर पंजाब और केंद्र सरकार पर दबाव बनाया जाए कि वो नहर निर्माण पर प्रभावी कदम उठाएं.
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पीएम से आग्रह करें : इसके साथ ही उन्होंने लिखा है कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय के बाद पंजाब सरकार की ओर से की जा रही बयानबाज़ी सरासर न्यायालय की अवमानना है, जिसके लिए कानूनी विशेषज्ञों की राय लेकर पंजाब सरकार के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए विचार किया जा सके. उन्होंने पत्र में ये आग्रह भी किया कि एक सर्वदलीय प्रतिनिधि मंडल तुरंत समय लेकर प्रधानमंत्री से मिले और पूरे मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह करें.