चंडीगढ़: हरियाणा में बिजली संकट को लेकर कहा जा रहा है कि हरियाणा में बिजली संकट जल्द ही गहरा सकता है क्योंकि प्रदेश में कोयले की आपूर्ति नहीं हो पा रही है. जबकि पावर प्लांट भी पूरी क्षमता के साथ काम नहीं कर रहे. जिससे प्रदेश के लोगों को बिजली की कमी का सामना करना पड़ सकता. इस पर सफाई देते हुए बिजली मंत्री रणजीत चौटाला (ranjit chautala) ने कहा इस समय प्रदेश में करीब 6000 मेगावाट बिजली उपलब्ध है. जिससे प्रदेश की बिजली की जरूरत सही तरीके से पूरी हो रही है.
उन्होंने कहा कि प्रदेश में 3 थर्मल प्लांट पानीपत, यमुनानगर और खेदड़ पूरी क्षमता के साथ काम कर रहे हैं. हालांकि पानीपत और खेदड़ के प्लांट में तकनीकी समस्या आई थी, लेकिन उससे जल्द ही दूर कर लिया गया. खेदड पावर प्लांट की मशीनें लगातार चलने की वजह से गर्म हो गई थी और उन्हें ठंडा होने के लिए 72 घंटे का समय चाहिए होता है. जिस वजह से एक प्लांट 3 दिन तक बंद रहा था, लेकिन 72 घंटे के बाद उसे भी चला दिया गया. थर्मल प्लांट में ऐसी समस्याएं आना सामान्य बात है ऐसा हर राज्य में होता है.
इसके अलावा उन्होंने कहा कि खेदड़ थर्मल प्लांट 12 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर रहा है. यमुनानगर प्लांट 600 मेगावाट और पानीपत थर्मल प्लांट 750 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर रहा है. प्रदेश में कोयले की भी कोई कमी नहीं है और अगले 1 महीने के लिए प्रदेश में पर्याप्त कोयला है. अडानी से विवाद को लेकर उन्होंने कहा कि अडानी कंपनी द्वारा हरियाणा को 1400 मेगावाट बिजली दी जानी थी, लेकिन बिजली के रेट को लेकर कुछ विवाद जारी है जिसे जल्द ही सुलझा लिया जाएगा और अडानी की ओर से भी बिजली की सप्लाई जल्द शुरू हो जाएगी.