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हरियाणा पुलिस संगठन की राज्य सरकार से मांग, पुलिस की ड्यूटी 24 घंटे की जगह 8 घंटे की जाए, पुलिस सुरक्षा एक्ट हो लागू

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Aug 25, 2023, 7:09 PM IST

हरियाणा पुलिस एसोसिएशन राज्य सरकार से खफा नजर आ रही है. शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऑल इंडिया पुलिस मेंस फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिलावर सिंह ने सरकार से अपने हकों की मांग की है. उन्होंने कहा कि अगर हरियाणा सरकार ने जल्दी हमारी मांगों को नहीं माना तो 2024 के चुनाव में सरकार के खिलाफ मतदान करेंगे.

Haryana Police Association
Haryana Police Association

चंडीगढ़:हरियाणा पुलिस एसोसिएशन और ऑल इंडिया पुलिस मेंस फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिलावर सिंह ने राज्य सरकार से पुलिस कर्मियों की मांगों को जल्द से जल्द हल किए जाने की अपील की है. उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांगों को जल्द ही नही माना गया तो आने वाले चुनावों में वो सरकार के खिलाफ मतदान करेंगे. इस अवसर पर राजेंद्र सिंह तोमर महासचिव और अशोक कुमार कार्यकारिणी सदस्य भी उपस्थित थे.

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'सरकार ने सिर्फ आश्वासन दिया': दिलावर सिंह ने कहा कि वो पिछले काफी लंबे समय से पुलिस कर्मियों के हक और मांगों को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, नेता विपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा समेत अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ मिलकर अपनी मांगें रख चुके हैं. लेकिन कोरे आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला. उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मी अपने हक और मांगों को लेकर दर-दर भटक चुके हैं. लेकिन कोई हल नहीं निकला. दूसरों को इंसाफ दिलाने वाला अब खुद अपने हक के लिए भटक रहा है.

हरियाणा पुलिस की प्रमुख मागें: इस दौरान हरियाणा पुलिस ने सरकार के सामने अपनी मांगें रखीं है. जिसमें पहली मांग है कि राष्ट्रीय पुलिस आयोग की रिपोर्ट लागू की जाए. पुलिस कर्मचारियों को 1970 से पहले के वेतन आयोग को मद्देनजर रखते हुए सिपाही का वेतनमान, बेसिक पे 49400 की जाए. वहीं, उन्होंने मांग की है कि सेना व अर्ध सैनिक व दिल्ली पुलिस की तर्ज पर पुलिस व जेल कर्मचारियों को राशन भत्ता दिया जाए. इसके अलावा पुरानी पेंशन स्कीम लागू की जाए. वर्दी भत्ता 3000 रुपये की बजाये, 12000 रुपये दिया जाये.

'24 नहीं 8 घंटे की जाए पुलिस की ड्यूटी':हरियाणा पुलिस ने अपने ड्यूटी टाइम को लेकर भी सरकार से समय में बदलाव करने की मांग की है उनका कहना है कि कोई भी इंसान 24 घंटे काम नहीं कर सकता, इसलिए 24 घंटे के ड्यूटी टाइम को 8 घंटे तक किया जाए. साप्ताहिक रेस्ट दिखावे के तौर पर लागू है, इसे सुनिश्चित किया जाए. सभी पदोन्नितियां संख्या की उपलब्धता के हिसाब से जल्द से जल्द हो ना कि सर्विस की गणना से. पुलिस व जेल विभाग के खाली पड़े पदों को जल्द प्रमोशन व नई भर्ती कर भरा जाए. पुलिस व जेल विभाग में सभी प्रकार का राजनीतिक हस्तक्षेप बंद किया जाए.

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'पुलिस सुरक्षा एक्ट लागू करने की मांग': उनकी मांग है कि पुलिस विभाग में भ्रष्टाचार की जननी बी-1 परीक्षा बंद कर पदोन्नति वरिष्ठता के आधार पर की जाए. पुलिस कर्मचारियों को बेसिक ट्रेनिंग के बाद दक्ष मानकर सभी प्रकार के वेतन भत्ते लागू किए जाए. अन्य कर्मचारियों को साल में कम से कम 120 दिन से ज्यादा का अवकाश हर साल मिलता है. पुलिस व जेल कर्मचारियों को एक महीने के बजाय चार महीने का अतिरिक्त वेतन दिया जाए. पुलिस व जेल के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को OROP का लाभ दिया जाए. पुलिस सुरक्षा एक्ट लागू किया जाए. पुलिस के डीएसपी रैंक के अधिकारियों को भी एचसीएस बराबर वेतन मान दिया जाए. पुलिस के डीएसपी को भी रिस्क अलाउंस दिया जाए.

'5 हजार रुपये मेडिकल भत्ते की मांग': इसके अलावा हरियाणा पुलिस की मांग है कि पुलिस सुधार बाबत उच्चतम न्यायालय द्वारा जारी किये गए साल 2006 के दिशा निर्देशों को लागू किया जाए. मेडिकल भत्ता 5000 रुपये निश्चित किया जाए. सभी प्रकार की बीमारियों को कैशलेस स्कीम में कवर किया जाये. सेवानिवृत कर्मचारियों की पेंशन में 65, 70, 75, 80 की आयु उपरान्त 5-5 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जाए. पुलिस कर्मचारियों के सभी अलाउंस आज की महंगाई के हिसाब से तय किये जाए. पुलिस विभाग में जांच व कानून व्यवस्था के अलग-अलग विंग बनाया जाए.

'बच्ची हुई छुट्टियों का नगद भुगतान': हरियाणा पुलिस ने मांग की है कि जांच अधिकारियों द्वारा सरकारी कार्य करते समय होने वाले खर्च के लिए अग्रिम राशि प्रदान की जाए. पुलिस व जेल विभाग से सिविलियन क्लर्क को हटाया जाए. उनकी जगह वर्दीधारी क्लर्क ही लगाए जाए. सेवानिवृत से पहले बची हुई लम्बी छुट्टी नहीं दी जाती इसलिए बची हुई छुट्टियों का नगद भुगतान किया जाए. टीए पूरे 30 दिन का दिया जाए. पोस्टिंग की अवधि निश्चित की जाए. सरकारी क्वार्टरों में बिजली विभाग द्वारा बिजली मीटर लगाए जाएं ताकि बल्क मीटर से सप्लाई दी जाए. लिफ्टों के खर्च के नाम पर अनाप सनाप धन उगाही बंद की जाए.

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'फंड के नाम पर लूट बंद हो': हरियाणा पुलिस का कहना है कि सीएम की तरफ से सन 2014 में पुलिस व जेल संबंधित जितनी भी घोषणाएं की गई थी. कोई भी लागू नहीं की गई है. जल्द से जल्द उन घोषणाओं को भी लागू किया जाए. पुलिस की गाड़ियों व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का दुरुपयोग बंद किया जाए. IRB में तैनात सभी पुलिस कर्मचारियों के तबादले जिलों में किए जाए. वेलफेयर एंड स्पोर्ट्स फंड की हो रही लूट को बंद किया जाए.

'मरणोपरांत 1 करोड़ रुपये सहायता राशि दी जाए': उनकी मांग है कि सभी SI के रैंक तक के कर्मचारियों को गृह जिले में बदला जाए. जिससे भ्रष्टाचार बंद हो सके. पुलिस कर्मचारियों को ड्यूटी के दौरान मृत्यु होने पर शहीद का दर्जा दिया जाए. मरणोपरान्त बैंक द्वारा बीमे के तौर पर दी गई राशि व वेलफेयर फंड से दी गई राशि के अलावा सरकार द्वारा एक करोड़ रुपये की सहायता राशि दी जाए. आपराधिक मुकदमा दर्ज होने पर कोई भी समानांतर विभागीय जांच न की जाए.

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