चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा बजट सत्र के दूसरे चरण के अंतिम यानी आज हरियाणा विनियोग (संख्या 2) विधेयक-2023 और हरियाणा संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक-2023 पारित किये गये. मार्च, 2024 के 31वें दिन को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष के दौरान सेवाओं के लिए हरियाणा राज्य की संचित निधि में से कुल 221088,91,74,343 रुपये के भुगतान और विनियोग का प्राधिकार देने लिए हरियाणा विनियोग (संख्या 2) विधेयक, 2023 पारित किया गया है.
हरियाणा संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक-2023:संगठित अपराध सिंडीकेट या गैंग की आपराधिक गतिविधियों से निपटने के लिए और उससे संबंधित मामलों के लिए विशेष उपबंध बनाने हेतु हरियाणा संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक-2023 पारित किया गया है. हरियाणा में अपराध के रुझानों के अध्ययन से पता चला है कि पिछले दशक में राज्य में अपराध के पैटर्न में बदलाव देखने को मिला है. पहले व्यक्ति विशेष अथवा समूह द्वारा जघन्य अपराध जैसे हत्या, डकैती, अपहरण और जबरन वसूल किए जाते थे, लेकिन पिछले एक दशक में हरियाणा में गैंगस्टर और संगठित अपराध का प्रचलन हुआ है. नई उम्र के अपराधियों के गिरोहों ने एक संगठित आपराधिक अद्यम के रूप में जीवन जीना शुरू कर दिया है.
सदन में सीएम ने कहा कि, ऐसे उदाहरण सामने आए हैं कि हरियाणा के कुछ जिलों में सक्रिय, संगठित आपराधिक गिरोहों में अपराधियों का एक संगठित नेटवर्क स्थापित कर लिया है, जिनमें शूटर मुखबिर, गुप्त सूचना देने वाले और हथियार आपूर्तिकर्ता शामिल हैं. अच्छी तरह परिभाषित सदस्यता और पदानुक्रम के साथ उचित रूप से ये गिरोह मुख्य रूप से सुपारी हत्याओं व्यवसायियों को धमकी देकर जबरन वसूली, मादक पदार्थों की तस्करी सुरक्षा रैकेट्स आदि पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जिनमें भारी लाभ मिलने की संभावना होती है. ये गिरोह संपत्ति पर कब्जा करने के लिए अपराध करते हैं. अपने सहयोगियों की देखभाल करते हैं जो जेल में हैं, महंगे आपराधिक मुकदमे लड़ने वाले वकीलों की सेवाएं लेते हैं और गवाहों को मारते हैं, जो उनके खिलाफ गवाही देने की हिम्मत करते हैं.