चंडीगढ़ःहरियाणा की खाप किसान आंदोलन में कूद गई हैं. रविवार को रोहतक में खाप पंचायतों की अहम बैठक हुई, जिसमें 30 खाप प्रधानों ने हिस्सा लिया और ऐलान कर दिया किसानों के समर्थन में दिल्ली कूच करेंगे. वही सांगवान खाप के प्रधान और दादरी से निर्दलीय विधायक सोमवीर सांगवान ने तन, मन और धन से किसानों की मदद करने का आश्वासन दिया है. उनका कहना है भले ही वो आज सरकार का हिस्सा हैं लेकिन उनके लिए किसान और समाज राजनीति से पहले है.
तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों की ताकत बढ़ती जा रही है. अब हरियाणा की खापों ने भी किसान आंदोलन का समर्थन करने का ऐलान कर दिया है. आज रोहतक में लगभग 30 खाप प्रधानों ने बैठक की और उसमें सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि सोमवार यानी की कल वो किसान आंदोलन को समर्थन करने के लिए दिल्ली कूच करेंगे. हरियाणा सरकार में सहयोगी निर्दलीय विधायक और सांगवान खाप प्रधान सोमवीर सांगवान ने कहा कि सभी खापें किसानों का सहयोग करेंगीं.
किसानों को समर्थन के बाद अब दिल्ली कूच करेगी हरियाणा की सर्व खाप राजनीति से पहले है समाज- सांगवान
सोमवीर सांगवान का कहना है कि वे सरकार से अपील करते हैं कि किसानों को संतुष्ट करके कृषि कानूनों में जो भी बदलाव करने की जरूरत है वो किए जाएं. जब किसान इसका विरोध कर रहे हैं तो सरकार को भी इस बारे में सोचना पड़ेगा. साथ ही उन्होंने कहा कि देश में हर किसी को खुद को व्यक्त करने का अधिकार है. ऐसे में किसानों का आंदोलन भी बिलकुल जायज है. हमारे समर्थन में कोई राजनीति नहीं है, राजनीति से पहले समाज उनके लिए सबसे बड़ा है.
'किसानों के साथ है खाप'
वहीं पालम खाप 360 के प्रधान रामकरण सोलंकी ने कहा कि वे आंदोलन को समर्थन देने के साथ-साथ ये भी सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी आम व्यक्ति को इस आंदोलन के चलते दिक्कतों का सामना ना करना पड़े. हरियाणा की सभी खापें किसानों के साथ खड़ी है. नांदल खाप के प्रधान सुरेश नांदल का कहना है कि जो इस खाप पंचायत में फैसला लिया गया है वो किसानों के इस आंदोलन के साथ खड़े हैं और हर संभव मदद किसान आंदोलन की करेंगे.
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मांगों पर डटे किसान
दिल्ली-हरियाणा के सिंघु और टिकरी सीमा पर हरियाणा और पंजाब के किसान डटे हुए हैं. अमित शाह की अपील और पीएम मोदी मन की बात कार्यक्रम में किसानों को नए कृषि कानूनों के फायदे बताए के बावजूद किसान पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. सिंघु बॉर्डर पर किसान आगे की रणनीति को लेकर चर्चा कर रहे हैं. किसानों की मांग है कि तीनों कानूनों को वापस लिया जाए और उनकी बात मानी जाए.
हरियाणा में क्या है खाप का महत्व?
खाप एक सामाजिक प्रशासन की पद्धति है जो भारत के कई राज्यों में विस्थापित है. इनमें मुख्य रूप से हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पंजाब जैसे राज्यों में प्राचीन काल से ही प्रचलित है. खाप में बैठकों के जरिए फैसले लिए जाते हैं. बैठक में खाप द्वारा जो भी फैसला लिया जाता है उसे सर्वसम्मति से लिया गया फैसला बताया जाता है. बता दें हरियाणा में खाप पंचायतों का खास महत्व है. यहां खाप पंचायत में लिए गए फैसले को सर्वोपरि माना जाता है.