चंडीगढ़: सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं की कमी को लेकर हरियाणा सरकार ने आज हाईकोर्ट में नया एफिडेविट दिया. एफिडेविट के जरिए सरकार ने कोर्ट को स्कूल में बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता के बारे में विस्तार से जानकारी दी.
एफिडेविट में नयी जानकारी: हरियाणा के सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं की कमी को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. एफिडेविट में सरकार ने सरकारी स्कूल में बुनियादी सुविधाओं के बारे में विस्तार से बताया है. एफिडेविट में हाईकोर्ट को जानकारी दी गयी कि बनने वाले नये 8240 क्लासरूम में 415 क्लासरूम का निर्माण कार्य पूरा हो गया है. 879 क्लासरूम का निर्माण कार्य जारी है जिसे दिसंबर 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा. 1372 क्लासरूम का निर्माण कार्य साल 2025 में दिसंबर महीने तक पूरा कर लिया जाएगा. सरकार की तरफ से प्रधान सचिव सुधीर राजपाल डायरेक्टर जनरल सेकेंडरी एजुकेशन और एडवोकेट जनरल के साथ व्यक्तिगत तौर पर कोर्ट में पेश हुए और एफिडेविट दायर किया. एफिडेविट में सरकार की तरफ से जानकारी दी गयी है कि पीने के पानी, शौचालय और बिजली के कनेक्शन की सुविधा सभी स्कूलों में उपलब्ध करवा दी गई है।
बच्चों के एडमिशन पर बनेगा क्लासरूम: एफिडेविट में सरकार ने कोर्ट को यह भी जानकारी दी कि बाकी बचे क्लासरूम का निर्माण कार्य नये बच्चों के स्कूल में एडमिशन पर निर्भर करेगा. यानि जिस अनुपात में बच्चे स्कूलों में नाम लिखाएंगे, उसी अनुपात में क्लासरूम को बनाया जाएगा. 8240 क्लासरूम बनने वाले हैं जिसमें से 2666 क्लासरूम बनने की रूपरेखा सरकार ने बता दी. बाकी बचे 5574 क्लासरूम का निर्माण कार्य बच्चों के एडमिशन पर निर्भर करेगा.
स्कूली बच्चों के वकील की आपत्ति:स्कूली बच्चों के तरफ से हाईकोर्ट में पेश हुए वकील प्रदीप रापड़िया ने इस बात पर आपत्ति दर्ज करायी कि बाकि क्लासरूम का निर्माण बच्चों के दाखिले पर निर्भर करेगा. प्रदीप रापड़िया ने एतराज जताते हुए कहा कि जब क्लासरूम ही नहीं होंगे तो बच्चे दाखिला क्यों लेंगे.