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हरियाणा के गांवों में क्या किसानों ने बांटी कोरोना से मौत? सरकार की ये रिपोर्ट कुछ यही कह रही है - हरियाणा किसान आंदोलन गांव कोरोना मौत जिम्मेदार

मुख्यमंत्री मनोहर लाल के प्रिंसिपल मीडिया एडवाइजर विनोद मेहता ने एक आंकड़ा पेश करते हुए दावा किया कि हरियाणा में किसान आंदोलन में भाग लेने वालों के चलते गांवों में संक्रमण ज्यादा फैला है और कोरोना के मौत के आंकड़े भी बढ़े हैं.

haryana corona death increase farmers protest
haryana corona death increase farmers protest

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Published : May 24, 2021, 7:41 PM IST

Updated : May 25, 2021, 7:20 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार का दावा है कि प्रदेश में लंबे समय से कृषि कानूनों को लेकर चल रहे किसानों के धरने अब जानलेवा साबित होने लगे हैं क्योंकि इन धरनों के चलते संक्रमण फैलने के मामलों में तेजी देखने को मिल रही है. धरने में शामिल होने के बाद वापस लौट रहे ऐसे किसानों ने संक्रमण बढ़ाया है, ऐसे आंकड़े दर्शा रहे हैं.

मुख्यमंत्री मनोहर लाल के प्रिंसिपल मीडिया एडवाइजर विनोद मेहता ने कहा कि प्रदेश में अलग-अलग जिलों से सामने आए आंकड़ों के अनुसार कहा जा सकता है कि किसानों के धरने जानलेवा साबित हो रहे हैं. इन धरनों से वापस आए लोगों के गांवों में कोरोना से मरने वालों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है.

गांव में बढ़ते कोरोना के मामलों के लिए सरकार ने किसान आंदोलन को ठहराया जिम्मेदार

मुख्यमंत्री मनोहर लाल के प्रिंसिपल मीडिया एडवाइजर ने जो आंकड़े पेश किए हैं उनके अनुसार सोनीपत जिले में 13 गांव ऐसे हैं जहां के किसान कुंडली या टीकरी बॉर्डर के धरनों में गए थे. इसके बाद इन 13 गांवों में 189 मौतों के मामले पिछले 1 महीने में देखने को मिले हैं.

सरकारा के द्वारा पेश किए गए आंकड़े.

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वहीं पिछले 1 महीने में एवरेज 15 मौतें हर एक गांव में पिछले एक माह में 11 अप्रैल से 10 मई के बीच देखने को मिली. 4 गांवों जिनमें सिसाना, बरोदा, बुटाना और खानपुर कलां में 86 मौतों के मामले 1 माह में देखने को मिले हैं. सरकार का दावा है कि सोनीपत दिल्ली बॉर्डर के नजदीक हैं इसलिए ऐसे अधिक मामले सोनीपत में देखने को मिले हैं.

सरकारा के द्वारा पेश किए गए आंकड़े.

सरकार द्वारा पेश किए गए सोनीपत के कुछ गांवों के आंकड़े

  • सिसाना गांव की 8000 की आबादी है, 4 लोग धरने में शामिल हुए. 11 अप्रैल 2020 से 10 मई 2020 तक 9 मौतें हुई. वहीं 11 अप्रैल 2021 से 10 मई 2021 तक 24 मौतें हुई हैं. इस अवधि में कोरोना से 4 मौतें हुई.
  • बरोदा गांव की 20000 की आबादी है, 3 लोग धरने में शामिल हुए. 11 अप्रैल 2020 से 10 मई 2020 तक 6 मौतें हुई, वहीं 11 अप्रैल 2021 से 10 मई 2021 तक 22 मौतें हुई हैं.
  • बुटाना गांव की 22000 की आबादी है, 2 लोग धरने में शामिल हुए. 11 अप्रैल 2020 से 10 मई 2020 तक 2 मौतें हुई, वहीं 11 अप्रैल 2021 से 10 मई 2021 तक 20 मौतें हुई हैं. इस अवधि में कोरोना से 2 मौतें हुई.
  • खानपुर कला गांव की 10000 की आबादी है, 2 लोग धरने में शामिल हुए. 11 अप्रैल 2020 से 10 मई 2020 तक 12 मौतें हुई, वहीं 11 अप्रैल 2021 से 10 मई 2021 तक 20 मौतें हुई हैं. इस अवधि में कोरोना से 2 मौतें हुई.
  • मुंडलाना गांव की 15000 की आबादी है, 2 लोग धरने में शामिल हुए. 11 अप्रैल 2020 से 10 मई 2020 तक 3 मौतें हुई, वहीं 11 अप्रैल 2021 से 10 मई 2021 तक 18 मौतें हुई हैं. इस अवधि में कोरोना से 2 मौतें हुई.
  • मुरथल गांव की 15000 की आबादी है, 5 लोग धरने में शामिल हुए. 11 अप्रैल 2020 से 10 मई 2020 तक 3 मौतें हुई, वहीं 11 अप्रैल 2021 से 10 मई 2021 तक 10 मौतें हुई हैं. इस अवधि में कोरोना से 4 मौतें हुई.
  • भैंसवाल कला गांव की 15000 की आबादी है, 2 लोग धरने में शामिल हुए. 11 अप्रैल 2020 से 10 मई 2020 तक 6 मौतें हुई, वहीं 11 अप्रैल 2021 से 10 मई 2021 तक 18 मौतें हुई हैं. इस अवधि में कोरोना से 1 मौत हुई.
  • कथूरा गांव की 21000 की आबादी है, 5 लोग धरने में शामिल हुए. 11 अप्रैल 2020 से 10 मई 2020 तक 6 मौतें हुई, वहीं 11 अप्रैल 2021 से 10 मई 2021 तक 15 मौतें हुई हैं.

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Last Updated : May 25, 2021, 7:20 PM IST

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