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हरियाणा में बाहर से आने पर जानकारी छुपाई तो हो सकती है सजा, जानिए कैसे करें रजिस्ट्रेशन

दूसरे राज्यों से हरियाणा आने वाले लोगों के लिए सरकार ने नियमों में बदलाव किया है. अब जो भी व्यक्ति तीन से ज्यादा के लिए हरियाणा में रहने आएगा, उसे अपनी सारी जानकारी सरल हरियाणा पोर्टल पर देनी होगी.

haryana govt new rules for people who are willing come haryana for 3 days
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Published : Jun 18, 2020, 9:55 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने प्रदेश में बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों के लिए नियमों में बदलाव किया है. अब अगर कोई बाहरी राज्य का व्यक्ति हरियाणा में 72 घंटे से अधिक ठहरने के लिए आता है तो उसे सरल हरियाणा वेब पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. हरियाणा में प्रवेश करने वाले सभी यात्रियों को पोर्टल www.saralharyana.gov.in पर स्व-पंजीकरण करवाना और आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करना अनिवार्य होगा.

पोर्टल पर अपना नाम, पता और मोबाइल नम्बर दर्ज करना होगा. परिवार को छोड़कर, कई पंजीकरणों के लिए एक ही मोबाइल नम्बर के प्रयोग की इजाजत नहीं होगी. कारोबारियों को अपना विवरण देना होगा और वापसी की तारीख भी बतानी होगी. इसके अलावा, उन्हें प्रदेश में उन लोगों का नाम, मोबाइल नम्बर और पता भी दर्ज करवाना होगा, जिससे वो मिलना चाहते हैं.

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इन दिशा-निर्देशों के उल्लंघन के मामले में फोन नंबर 100 पर पुलिस को सूचना देने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन, व्यापारिक प्रशासन, मेयर, पार्षद, सरपंचों और पंचों की होगी. इसके अलावा, जनसाधारण और रेजिडेंट वेल्फेयर एसोसिएशंस को अपने पड़ोस में किसी व्यक्ति का पंजीकरण ना होने की स्थिति में हेल्पलाइन नंबर 100 पर पुलिस को सूचित करना होगा.

आरोग्य सेतु एप पर दिखाना होगा प्रमाण पत्र

हरियाणा में प्रवेश करने वाले व्यक्ति द्वारा कम्पेटिबल मोबाइल फोन पर आरोग्य सेतु एप इंस्टाल करने और इस पर अपना हेल्थ स्टेटस अपडेट करने का प्रमाण दिखाना होगा. ऐसे लोगों की बॉर्डर चेक-पोस्ट, रेलवे स्टेशन और बस अड्डे पर स्वास्थ्य जांच की जाएगी. अगर किसी राज्य से आने वाले व्यक्ति में कोविड-19 के लक्षण पाए जाते हैं तो उसे नजदीकी स्वास्थ्य सुविधा पर रिपोर्ट करना होगा और चिकित्सीय गंभीरता का आकलन करवाना होगा.

इन दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति को आपदा प्रबन्धन अधिनियम, 2005 की धारा 51 से 60 के प्रावधानों के अनुसार सजा हो सकती है. इसके अलावा, भारतीय दंड संहिता की धारा 188 और इस मामले में लागू अन्य कानूनी प्रावधानों के तहत कानूनी कार्रवाई की जा सकती है.

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