चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने राशन डिपो पर सरसों का तेल (mustard oil ) नहीं देने का ऐलान करने के बाद बड़ा फैसला लिया है. हरियाणा सरकार सरसों की एवज में प्रदेश के 11 लाख लाभार्थी परिवारों के खाते में 250 रुपये डालेगी.
बता दें कि गुरुवार के सरकार ने हैफेड के पास सरसों के तेल का पर्याप्त स्टॉक नहीं होने के चलते राशन डिपो पर सरसों के तेल की जगह बाजरा देने का फैसला किया था. बताया जा रहा है कि सरकार ने ये फैसला इसलिए लिया है क्योंकि सरकार के पास तेल निकालने के लिए सरसों ही नहीं है. दरअसल, इस बार सरसों की सरकारी खरीद हुई ही नहीं और किसानों ने प्राइवेट मंडियों में सरसों बेची. ऐसे में सरकार के पास तेल निकालने के लिए सरसों नहीं है. यही कारण है कि जून के महीने में सरकार ने पीडीएस से सरसों के तेल का वितरण रोक दिया है.
डिपो पर 40 रुपये में दिया जाता है दो लीटर तेल
बता दें कि विभाग द्वारा मई, जून एवं जुलाई, 2021 की अवधि के दौरान सभी 22 जिलों में एएवाई और बीपीएल राशनकार्ड धारकों को एक किलोग्राम चीनी 13.50 रुपये प्रति किलोग्राम प्रति परिवार प्रतिमास और दो लीटर सरसों का तेल 20 रुपये प्रति लीटर प्रति परिवार प्रतिमास की दर से उपलब्ध करवाया जाना था.
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के अनुसार प्रदेश में कुल 27,04,855 राशनकार्ड के 1,22,51,366 लाभार्थियों को 9,690 डिपो के माध्यम से आवश्यक वस्तुओं का वितरण किया जाता है. इन कुल 27,04,855 राशनकार्ड में से अन्त्योदय अन्न योजना (एएवाई-गुलाबी) के राशनकार्डों की संख्या 2,48,134 और सदस्य 9,98,340, गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल-पीला) राशनकार्डों की संख्या 8,92,744 एवं सदस्य 41,00,546 और अन्य प्राथमिक परिवार (ओपीएच-खाकी) राशनकार्डों की संख्या 15,63,947 और सदस्य 71,52,480 हैं.