चंडीगढ़: हरियाणा के किसान और आढ़ती शुरू से ही तीन कृषि अध्यादेशों का विरोध कर रहे थे, लेकिन कुरुक्षेत्र के पीपली में किसानों पर हुए लाठीचार्ज के बाद किसान और भी ज्यादा उग्र हो गए हैं तो वहीं दूसरी तरफ विपक्ष ने भी सरकार की घेराबंदी शुरू कर दी है. ऐसे में हरियाणा सरकार ने एक बार फिर नाराज किसानों को मनाने के लिए बातचीत का न्यौता दिया है.
दरअसल, शनिवार दोपहर करीब 3 बजे प्रदेश सरकार की ओर से गठित सांसदों की कमेटी किसानों से बातचीत करेगी. ये बातचीत रोहतक के पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में की जाएगी. जो दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक जारी रहेगी. इसके बाद शाम को 5 बजे से लेकर 7 बजे तक करनाल में दूसरे राउंड की बातचीत होगी. वहीं तीसरे राउंड की बातचीत पंचकूला में रविवार को होगी. पंचकूला में किसानों और संसदों के बीच सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक वार्ता होनी है.
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बता दें कि वार्ता के लिए व्यापारिक संगठनों को भी बुलाया गया. सांसद धर्मबीर सिंह, सांसद बृजेंद्र सिंह और सांसद नायाब सैनी कमेटी का हिस्सा हैं और तीनों कृषि अध्यादेश पर किसानों से सुझाव लेने का काम करेंगे.
किन अध्यादेशों का विरोध?
- पहले अध्यादेश के अनुसार, अब व्यापारी मंडी से बाहर भी किसानों की फसल खरीद सकेंगे. पहले किसानों की फसल को सिर्फ मंडी से ही खरीदा जा सकता था.
- दूसरे अध्यादेश के मुताबिक केंद्र ने अब दाल, आलू, प्याज, अनाज, इडेबल ऑयल आदि को आवश्यक वस्तु के नियम से बाहर कर इसकी स्टॉक सीमा खत्म कर दी है.
- तीसरे अध्यादेश के अनुसार केंद्र सरकार ने कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग को बढ़ावा देने की भी नीति पर काम शुरू किया है, इसमें बड़े बिजनेस और कंपनियां कॉन्ट्रैक्ट पर जमीन लेकर खेती कर सकती है. जिससे किसान नाराज हैं