चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल (Chief Secretary Sanjeev Kaushal) ने बुधवार को चंडीगढ़ में बायो-माइनिंग से संबंधित एनजीटी के आदेशों की अनुपालना के संबंध में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला उपायुक्तों, शहरी स्थानीय निकायों और नगर निगम के अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की निगरानी समिति के अध्यक्ष जस्टिस प्रीतम पाल और एनजीटी के सदस्य उर्वशी गुलाटी, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अरूण गुप्ता भी शामिल हुए.
मुख्य सचिव ने कहा कि लिगेसी वेस्टस (पुरना कचरा) के प्रसंस्करण (Legacy waste disposal in Haryana) पर लगभग 262 करोड़ रुपये की राशि खर्च होगी. राज्य सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन-अर्बन के तहत आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय को 155 करोड़ रुपये की डिमांड भेजी है. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पुराने कचरे के प्रसंस्करण के लिए बड़े प्लांट लगाने की बजाय छोटे-छोटे क्रशर लगाए जाएं. उन्होंने अंबाला, कैथल और यमुनानगर जिलों द्वारा कचरा प्रसंस्करण के कार्य में बेहतर प्रदर्शन करने पर उनकी प्रशंसा की और अन्य जिलों के अधिकारियों को अपने कार्य प्रदर्शन में तेजी लाने के निर्देश दिए.