चंडीगढ़: प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि प्रदेश में ‘ई-संजीवनी ओपीडी’ के नाम से स्टे होम ओपीडी की शुरुआत की गई है. इससे राज्य के मरीज खुद को ई-संजीवनी पर पंजीकृत कर नि:शुल्क ऑनलाइन चिकित्सक परामर्श ले सकते हैं.
कोरोना मरीजों ने सरकार ने शुरू की ये पहल
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी से उत्पन्न परिस्थितियों के फलस्वरूप अन्य बीमारियों के मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था, इसके दृष्टिगत केन्द्र सरकार ने ई-संजीवनी ओपीडी की शुरुआत की है. इसी सेवा को हरियाणा में भी शुरू कर दिया गया है, जिसके तहत अभी तक करीब एक हजार से अधिक मरीजों ने इससे लाभ उठाया है.
फ्री में मिलेगी मरीजों को ये सुविधा
राज्य के सभी मरीजों को ये सुविधा पूरी तरह से फ्री दी जा रही है. इसके लिए मरीजों को ई-संजीवनी ओपीडी ऐप को अपने मोबाइल में डाउनलोड करना होगा, जिसके बाद टोकन नम्बर जनरेट होगा. विज ने बताया कि सरकार ने प्रत्येक मरीज को उनके घर पर ही चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए संकल्प है. इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु राज्य का कोई भी मरीज अपने स्थान से ही वीडियो कॉल या लाइव चैट के माध्यम से चिकित्सक के साथ जुड़ सकता है.
ये होगा फायदा
इसके लिए लैपटॉप, डेस्कटॉप या एंड्रॉइड स्मार्ट फोन का उपयोग कर डॉक्टर से ऑनलाइन परामर्श प्राप्त करने की सुविधा होगी. इस प्लेटफॉर्म पर मरीज अपनी सभी रिपोर्ट को अपलोड कर डॉक्टर से बीमारी और उसके उपचार संबंधी जानकारी ले सकता है. इसके बाद डॉक्टर अपने मरीज को लैब टेस्ट या दवाई की पर्ची भी ऑनलाइन उपलब्ध करवाएगा, जो चिकित्सा के लिए हरियाणा की सभी अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए मान्य होगी.
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स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोरोना के कारण लोगों को कई प्रकार की शारीरिक एवं मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए इन दिक्कतों से संबंधित यदि समय पर काउंसलिंग व उपचार ना किया जाए तो बीमारी बढ़ने की सम्भावना बनी रहती है, जिनको दूर करने में स्टे होम ओपीडी की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी.