चंडीगढ़: कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली कूच करने से पहले मंगलवार को दिन भर किसान नेताओं को हिरासत में लिया जाता रहा. पुलिस प्रशासन का कहना है कि कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए ऐसा किया गया है. इसके बाद हरियाणा सरकार एहतियातन ट्रैवल एडवाइजरी भी जारी कर दी है. कुल मिलाकर किसानों के इस आंदोलन से पहले सरकार और प्रशासन की तैयारी अच्छी दिख रही है.
पुलिस प्रशासन मुस्तैद
पुलिस विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि विभिन्न किसान संगठनों ने 26 नवंबर और 27 नवंबर 2020 को ‘दिल्ली चलो’ का आह्वान किया गया है, इसके मद्देनजर राज्य में नागरिक और पुलिस प्रशासन द्वारा कानून व्यवस्था, यातायात और सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं. उन्होंने बताया कि इन प्रबंधों का प्राथमिक उद्देश्य प्रदेश में कानून और व्यवस्था बनाए रखना, किसी भी प्रकार की हिंसा को रोकने व सार्वजनिक शांति बनाए रखने, यातायात व सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों के कामकाज को सुविधाजनक सुनिश्चित करना है.
चार NH पर फोकस
पुलिस विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि कोविड-19 महामारी की स्थिति के कारण लागू होने वाले निर्देशों को भी ध्यान में रखा गया है. पुलिस विभाग को मिली सूचनाओं के अनुसार दिल्ली जाने के लिए बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों द्वारा विभिन्न बॉर्डर प्वाइंटस से होते हुए पंजाब से हरियाणा में प्रवेश करने की संभावना है. इसके अलावा, हरियाणा से दिल्ली जाने वाले प्रदर्शनकारियों का मुख्य फोकस चार प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग पर होगा. जो कि इस प्रकार हैं.
- अंबाला से दिल्ली
- हिसार से दिल्ली
- रेवाड़ी से दिल्ली
- पलवल से दिल्ली
प्रदर्शनकारियों से अपील
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि अंबाला जिला के शंभू बॉर्डर, भिवानी जिला के गांव मुढ़ाल चौक, करनाल जिला की घरौंडा अनाज मंडी, झज्जर जिला के बहादुरगढ़ में टिकरी बॉर्डर तथा सोनीपत जिला के राई राजीव गांधी एजुकेशन सिटी में भी प्रदर्शनकारियों द्वारा एकत्रित होने का एक विशेष अपील की गई है.