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हरियाणा सरकार ने ब्लैक फंगस को किया महामारी घोषित

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Published : May 20, 2021, 8:02 PM IST

कोरोना के बाद अब हरियाणा सरकार ने ब्लैक फंसग की बीमारी को महामारी घोषित कर दिया है. स्वास्थ्य विभाग ने इसे एक गंभीर लेकिन दुर्लभ फंगल संक्रमण माना है.

black fungus disease epidemic Haryana
black fungus disease epidemic Haryana

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने सामान्य और कोरोना मरीजों में ब्लैक फंगस के खतरे को देखते हुए हरियाणा महामारी रोग विनियम 2021 लागू किया है. जिसका पालन नहीं करने पर दोषी व्यक्ति/संस्था के खिलाफ महामारी रोग अधिनियम, 1897 की धारा 3 के अनुसार आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. इसके अतिरिक्त, इन विनियमों या इन विनियमों के तहत जारी किए गए आदेशों की अवहेलना किसी भी व्यक्ति/ संस्था या संगठन द्वारा भारतीय दंड संहिता (1860 का 45) की धारा 188 के तहत किया गया दंडनीय अपराध माना जाएगा.

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स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि किसी भी व्यक्ति/संस्था या संगठन द्वारा इन नियमों के तहत जारी किसी भी आदेश या अधिसूचना की अवहेलना की समीक्षा के लिए प्रत्येक जिले में सिविल सर्जन की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाएगी. आंतरिक चिकित्सा, नेत्र विज्ञान, ईएनटी और महामारीविद् विशेषज्ञ समिति के सदस्य होंगे जो ऐसी अवज्ञा की समीक्षा करेंगे.

आदेशों की अवहेलना पर होगी कार्रवाई

उन्होंने बताया कि यदि आदेशों की अवहेलना सिद्ध होती है, तो संबंधित जिले के सिविल सर्जन द्वारा अधिसूचना के अनुसार किए गए अपराध/अनियमितता को दर्शाते हुए ऐसे व्यक्ति/संस्था या संगठन के विरुद्ध नोटिस जारी किया जाएगा. इसके बाद, नोटिस के विरूद्ध व्यक्ति/संस्था अथवा संगठन से प्राप्त उत्तर की उक्त जिला समिति द्वारा समीक्षा की जाएगी. यदि नोटिस की प्राप्ति के निर्धारित समय के भीतर उत्तर प्राप्त नहीं होता है या यदि उत्तर समिति द्वारा असंतोषजनक पाया जाता है और ये पुष्टि की जाती है कि व्यक्ति / संस्था या संगठन ने नियमों की अवहेलना की है, तो संबंधित सिविल सर्जन द्वारा अपराधी व्यक्ति/संस्था या संगठन के विरूद्घ महामारी रोग अधिनियम, 1897 की धारा 3 के अनुसार आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.

सिविल सर्जन के जरिए होगी संदिग्ध या मरीज की पुष्टी

विनियमों के संबंध में उन्होंने कहा कि इन विनियमों को 'हरियाणा महामारी रोग (म्यूकोर्मिकोसिस) विनियम, 2021' कहा जाएगा और ये प्रकाशन की तिथि से एक वर्ष के लिए वैध रहेगा. सभी स्वास्थ्य सुविधाएं (सरकारी और निजी) म्यूकोर्मिकोसिस की जांच, निदान एवं प्रबंधन के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय/आईसीएमआर/राज्य सरकार द्वारा जारी और समय-समय पर संशोधित दिशा-निर्देशों का पालन करेंगी. विनियमों के अनुसार, सभी स्वास्थ्य सुविधाएं (सरकारी और निजी) संबंधित सिविल सर्जन के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग को म्यूकोर्मिकोसिस के प्रत्येक संदिग्ध या पुष्ट मामले की रिपोर्ट करेंगी.

उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति/संस्था या संगठन स्वास्थ्य विभाग, हरियाणा की पूर्व अनुमति के बिना म्यूकोर्मिकोसिस के प्रबंधन के लिए कोई जानकारी या सामग्री प्रसारित या प्रचारित नहीं करेगा. इसके अलावा, कोई भी व्यक्ति/संस्था या संगठन स्वास्थ्य विभाग की पूर्व अनुमति के बिना म्यूकोर्मिकोसिस के लिए किसी भी प्रिंट/इलेक्ट्रॉनिक या किसी अन्य प्रकार के मीडिया का उपयोग नहीं करेगा.

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राजीव अरोड़ा ने कहा कि म्यूकोर्मिकोसिस (ब्लैक फंगस) एक गंभीर लेकिन दुर्लभ फंगल संक्रमण है. जो म्यूकोर्मिसेट्स नामक मोल्डों के समूह के कारण होता है. ये मोल्ड पूरे वातावरण में रहते हैं. ये मुख्य रूप से उन लोगों को प्रभावित करता है जिन्हें स्वास्थ्य समस्याएं हैं या ऐसी इम्यूनोसप्रेसिव दवाएं लेते हैं, जो शरीर की रोगाणुओं और बीमारी से लड़ने की क्षमता को कम करती है. उन्होंने कहा कि मरीजों को सलाह दी जाती है कि वे बीमारियों का शीघ्र उपचार करवाएंं, मधुमेह को नियंत्रित करें, स्टेरॉयड तभी लें जब ये आवश्यक हों और एंटी-फंगल प्रोफिलैक्सिस लेने की कोई आवश्यकता नहीं है.

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