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कृषि कानूनों का असर? इस साल एमएसपी पर करीब 9 लाख टन कम हुई धान की खरीद - हरियाणा सरकार एमएसपी फसल खरीद

अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने बताया कि एमएसपी पर खरीफ की पांच फसलों की खरीद 12076 करोड़ रुपये की हुई है. जिसमें से किसानों को 12 हजार करोड़ रुपये का भुगतान सरकार की तरफ से किया जा चुका है.

kharif crops purchase in haryana
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Published : Dec 10, 2020, 8:13 PM IST

चंडीगढ़: खरीफ की फसलों की सरकारी खरीद बंद हो चुकी है. इस बार हरियाणा में पांच फसलों की खरीद राज्य सरकार की तरफ से की गई. जिसमें धान, बाजरा, मूंग, मक्का और मूंगफली की खरीद सरकार ने की. हरियाणा में अभी तक 55 लाख 50 हजार टन धान की खरीद हो चुकी है, जबकि बाजरे की खरीद 7 लाख 40 हजार टन खरीद हो चुकी है, वहीं मूंग की 1100 टन, मक्के की 4000 टन और मूंगफली की 650 टन खरीद हो चुकी है.

एमएसपी पर खरीफ की इन पांच फसलों की खरीद 12076 करोड़ रुपये की हुई है. जिसमें से किसानों को 12 हजार करोड़ रुपये का भुगतान सरकार की तरफ से किया जा चुका है. पिछले साल जहां बाजरे की खरीद 3 लाख टन हुई थी, वहीं इस बार ये बढ़कर 7 लाख 40 टन हुई है. ऐसे ही पिछले साल धान की खरीद 64 लाख टन हुई थी. इस बार धान की खरीद 55 लाख 50 हजार टन हुई है.

इस साल एमएसपी पर करीब 9 लाख टन कम हुई धान की खरीद

किसानों का भुगतान 90.35% हो चुका है. अभी तक किसानों को 12 हजार करोड़ रुपये उनके खातों में भेजे जा चुके हैं, जबकि 12076 करोड़ की फसलों की खरीदी इस सीजन में हुई है. वहीं धान में 40% सीधा किसानों के खाते में पेमेंट की गई है. जबकि बाकी फसलों की सीधी पेमेंट किसानों के खाते में की गई है.

इस साल एमएसपी पर करीब 9 लाख टन कम हुई धान की खरीद

पिछले साल के मुकाबले इस साल धान की खरीद करीब 9 लाख टन कम हुई है. इस बार केवल मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर रजिस्टर हुए किसानों की फसलों की ही एमएसपी पर खरीद की गई है, वहीं फसल विविधीकरण भी कम धान की फसल की खरीद होने का एक कारण रहा.

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इस बार बाजरे की खरीद पहले के मुकाबले करीब 4 लाख टन अधिक हुई है, पिछले साल साढ़े 3 लाख टन बाजरे की खरीद हुई थी, जबकि इस बार साढ़े 7 लाख टन के करीब बाजरे की खरीद हुई है. अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास के अनुसार दक्षिण और पश्चिम हरियाणा में बाजरे की खपत होती है, मगर जो एमएसपी रखी गई थी, बाजरे को लेकर उसके चलते इस बार हो सकता है कि लोगों ने अपनी फसल पूरी तरह से बेच दी, ताकि बाद में सस्ते रेट पर बाजार से खरीद लें.

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