चंडीगढ़: हरियाणा सरकार प्रदेश में भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारियों व कर्मचारियों पर सख्त रुख अपनाते हुए आवश्यक कार्रवाई कर रही है. इसी कड़ी में बुधवार को मुख्य सचिव संजीव कौशल ने विभिन्न विभागों के प्रशासनिक सचिवों के साथ एक अहम बैठक की. बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने कुछ लंबित मामलों में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 19 के तहत अभियोजन की मंजूरी देने के संबंध में समीक्षा की. (Haryana government action against the officials) (Haryana Chief Secretary Sanjeev Kaushal)
संजीव कौशल ने कहा कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 19 के तहत लंबित 30 अलग-अलग मामलों में विभागों या सक्षम प्राधिकारी द्वारा अधिकारियों, कर्मचारियों और आउटसोर्स कर्मचारियों के विरुद्ध चल रहे अक्टूबर माह तक के मामलों में अभियोजन की मंजूरी दी जा चुकी है. मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर प्रदेश में भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस नीति अपना रहे हैं. मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार सभी विभागों से समय–समय पर ऐसे मामलों की प्रगति की समीक्षा रिपोर्ट ली जाती है. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. भ्रष्टाचार को रोकना अधिकारियों की नैतिक जिम्मेदारी भी है, इसलिए वे भी समय-समय पर अपने विभागों की समीक्षा करें. (employees involved in corruption) (Prevention of Corruption Act in haryana)