चंडीगढ़:1 जुलाई 2017 को पूरे देश मे केंद्र की मोदी सरकार ने GST लागू किया. अब आंकड़े ये बता रहे हैं कि हरियाणा को टैक्स कलेक्शन का ये बदला स्वरूप सबसे ज्यादा रास आ रहा है. साल 2017 के बाद से ही हरियाणा के राजस्व में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी देखी गई है. हरियाणा ने वित्त वर्ष 2017 से लेकर वित्त वर्ष 2020 तक सबसे ज्यादा जीएसटी इकट्ठा किया है.
यहां खास बात ये है कि साल 2019 के मार्च महीने में हरियाणा ने 4,561 करोड़ रुपये का जीएसटी कलेक्ट किया तो साल 2020 में ये आंकड़ा 7 प्रतिशत बढ़कर 4,874 करोड़ रुपये हो गया. जबकि अधिकतर राज्यों का जीएसटी माइनस में दर्ज किया गया.
हरियाणा ने किया रिकॉर्ड जीएसटी कलेक्शन, केंद्र से अपने हिस्से का इंतजार हरियाणा जीएसटी में बेहतर क्यों है ?
अर्थशास्त्री डॉ. बिमल अंजुम का कहना है कि जीएसटी का फायदा कंजम्पशन बेस्ड स्टेट को मिलता है. इस हिसाब से अगर देखें तो हरियाणा की प्रति व्यक्ति आय दूसरे राज्यों से काफी बेहतर है. इसलिए यहां लोग दूसरे राज्यों के मुकाबले ज्यादा सामान खरीदते हैं. उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार की तरफ से कभी भी कर्मचारियों की पेमेंट नहीं रोकी गई. यहां तक कि हरियाणा सरकार ने 2016 में ही 7वां वेतन आयोग लागू कर दिया था जबकि पंजाब, चंडीगढ़ और हिमाचल में ये अभी तक लागू नहीं हुआ है.
अर्थशास्त्री डॉ. बिमल अंजुम कहते हैं कि दिल्ली-एनसीआर में हमेशा ही रेवेन्यू कलेक्शन बेहतर रहता है. दूसरी ओर हरियाणा कृषि प्रधान राज्य होने के साथ-साथ टेक्नोलॉजिकल हब बनता जा रहा है. इसका फायदा भी हरियाणा को मिल रहा है. बात करें मैन्युफैक्चरिंग की तो हरियाणा में मोबाइल, मोटर साइकिल और ट्रैक्टर समेत कई इलेक्ट्रोनिक आइटम्स की प्रोडक्शन होती है. जिससे हरियाणा का जीएसटी कलेक्शन दूसरे राज्यों से काफी बेहतर है.
कोरोना का प्रभाव-
अर्थशास्त्री डॉ. बिमल अंजुम कहते हैं कि देशभर में कोरोना का असर देखने को मिलेगा, लेकिन हरियाणा में कोरोना का असर ज्यादा नहीं होगा. उन्होंने कहा कि हरियाणा का जीएसटी पहले की तरह तो नहीं होगा, लेकिन हरियाणा का जीएसटी एवरेज रहेगा जो अन्य कई राज्यों से बेहतर होगा. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि हरियाणा में ऑटोमोबाइल की सेल तो कम होगी, लेकिन स्पेयर पोर्ट्स की खरीद जारी रहेगी. इसी से हरियाणा में रेवेन्यू काफी बैलेंस्ड रहेगा.
गौरतलब है कि अन्य राज्यों की ही तरह कोरोना की मार झेल रहे हरियाणा को भी काफी राजस्व नुकसान उठाना पड़ा है. इस साल जीएसटी कलेक्शन में कमी देखने को मिलेगी. हालांकि हरियाणा की स्थिति दूसरे राज्यों के मुकाबले बेहतर रहने की भी उम्मीद है. फिलहाल, केंद्र की तरफ से दिए जाने वाले 54 हजार 600 करोड़ में हरियाणा का भी हिस्सा है. जिसके मिलने से हरियाणा सरकार परिस्थितियों को सुधारने का प्रयास करेगी.