चंडीगढ़: हरियाणा में सरकारी अस्पतालों केडॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़तालपर चले गए हैं. हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन (HCMS) के डॉक्टरों और डीजी हेल्थ आरएस पूनिया के बीच लगातार हड़ताल खत्म करने को लेकर मीटिंग का सिलसिला चल रहा है लेकिन कोई सहमति नहीं बन पाने के चलते हड़ताल का संकट अभी भी बरकरार है. इसी बीच हड़ताल को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टरों की सभी तरह की छुट्टियां रद्द कर दी हैं.
3 हजार डॉक्टर तैनात- हड़ताल के चलते स्वास्थ्य व्यवस्था ना बिगड़े इसके लिए सरकार ने 3 हजार डॉक्टरों को तैनात किया है. हड़ताल के असर को कम करने के लिए ही इन डॉक्टरों की तैनाती की गई है. तैनात किए गए मेडिकल स्टाफ में सलाहकार/वरिष्ठ सलाहकार, एनएचएम डॉक्टर, डीएनबी डॉक्टर, मेडिकल कॉलेजों के चिकित्सा अधिकारी और सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी शामिल हैं. स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने दावा किया है कि राज्य के किसी भी सरकारी अस्पताल में मरीजों को दिक्कत नहीं आने दी जायेगी और पर्याप्त स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाई जाएंगी.
डीजी हेल्थ के साथ बैठक- डॉक्टरों ने अपनी मांगें पूरी होने तक 29 दिसंबर से सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं में सभी प्रकार की स्वास्थ्य सेवाएं बंद करने के साथ ही अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी है. स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक डॉक्टर रणदीप सिंह पूनिया डॉक्टर एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ गुरुवार की शाम से ही बैठक कर रहे हैं. इसमें एसोसिएशन की सभी मांगों, विशेषज्ञ कैडर का सृजन, पीजी नीति में संशोधन, वेतन संशोधन और एसएमओ की सीधी भर्ती को रोकने पर चर्चा की गई.
विशेषज्ञ कैडर को मंजूरी- हड़ताली डॉक्टरों के साथ बैठक में एसोसिएशन के पदाधिकारियों को जानकारी दी गई कि विशेषज्ञ कैडर को पहले ही मंजूरी दी जा चुकी है. साथ ही मौजूदा समय में सीधे एसएमओ की कोई भर्ती नहीं की जा रही है. हालांकि 100 चिकित्सा अधिकारियों को एसएमओ के रूप में पदोन्नत किया जाएगा, जिसकी प्रक्रिया जारी है. इसके अलावा, वेतन संशोधन और पीजी नीति में संशोधन भी सरकार के विचाराधीन है और एसोसिएशन की मांगों को सर्वोच्च प्राथमिकता पर निपटाने का भरोसा दिया गया है.