चंडीगढ़: हरियाणा को 31 जुलाई से पहले नया डीजीपी (Haryana DGP appointment) मिलना है. इनमें से 4 नामों में सीधी-सीधी टक्कर हो रही है. इन चार नामों में 1990 बैच के शत्रु जीत कपूर सबसे आगे दौड़ में हैं. माना जा रहा है कि उनके नाम पर सरकार फाइनल मुहर लगा सकती है. इसके साथ ही 1989 बैच के मोहम्मद अकील, 1989 बैच के आरसी मिश्रा, 1988 बैच के आईपीइस पीके अग्रवाल.
इन सब में पीके अग्रवाल सीनियर हैं, लेकिन हरियाणा का डीजीपी कौन बनेगा. इसका ऐलान होना अभी बाकी है. हरियाणा के वर्तमान डीजीपी मनोज यादव अब केंद्र में अपनी सेवाएं देंगे. आईबी में जाने को लेकर उन्होंने सरकार से गुजारिश भी की थी. सरकार ने उनकी बात मान भी ली है. हरियाणा के वर्तमान डीजीपी मनोज यादव को 30 जुलाई को रिलीज किया जाएगा. ऐसे में 31 जुलाई से पहले हरियाणा के नए डीजीपी के नाम का ऐलान होना स्वभाविक है.
मौजूदा पैनल में जिन अन्य अधिकारियों के नाम है. उनमें आईपीएस अधिकारी देशराज सिंह आलोक राय एसके जैन के नाम भी शामिल हैं. हालांकि अभी कहा नहीं जा सकता कि यूपीएससी कहीं इन्हीं में से किसी नाम को तरजीह दे, लेकिन अभी जो अधिकारी दौड़ में हैं, उनमें चार अधिकारी प्रमुख हैं जो हरियाणा के डीजीपी पद के लिए अपना दावा मजबूती से पेश कर रहे हैं. आज शाम को यूपीएससी की बैठक होगी. जिसके बाद डीजीपी नाम पर मुहर लग सकती है.
इस दौड़ में 1990 बैच के शत्रु जीत कपूर इस वक्त सबसे आगे दिखाई दे रहे हैं. वो हरियाणा में कई अहम पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं. उनकी गिनती सरकार के करीबी अधिकारियों में से होती है. बड़ी बात ये है कि एडीजीपी सीआईडी के तौर पर वो मनोहर लाल सरकार के पहले कार्यकाल में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. बिजली निगमों को घाटे से उबारने में उनकी अहम भूमिका रही है. इस वक्त शत्रुजीत कपूर डीजी जेल और परिवहन विभाग की प्रमुख सचिव के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं