चंडीगढ़: दिल्ली में हुई बैठक की बाद अब हरियाणा कांग्रेस के विधायक दल की बैठक की तैयारी में है. जानकारी के मुताबिक यह बैठक 12 अगस्त को हो सकती है. हालांकि पहले इसके 9 अगस्त यानी आज होने की बात हो रही थी. लेकिन, इसे अब 12 अगस्त तक टाल दिया गया है. इस बैठक में पार्टी के नेता हरियाणा विधानसभा के 25 अगस्त से शुरू होने वाले मानसून सत्र को लेकर रणनीति तैयार करेंगे. पार्टी नेता बैठक में सरकार को किन मुद्दों पर घेरना है उसको लेकर मंथन करेंगे.
ये भी पढ़ें:CET Exam 2023: रणदीप सुरजेवाला ने CET परीक्षा पर उठाए सवाल, बोले- 6 व 7 अगस्त को हुए एग्जाम में 41 सवाल कॉमन, सीएम-डिप्टी सीएम की भूमिका संदिग्ध
कांग्रेस विधायक दल की बैठक में नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा के अलावा राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा और पार्टी के तमाम विधायक मौजूद रहेंगे. बैठक के दौरान नूंह हिंसा मामले पर चर्चा हो सकती है. पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने नूंह जाने की कोशिश भी की थी. पार्टी के नेता इस मामले में सरकार को घेरने के लिए अपना रोडमैप तैयार कर सकते हैं.
इस बार बजट सत्र में नूंह हिंसा का मुद्दा खासतौर पर गरमाने वाला है. इसको लेकर गठबंधन सरकार पर विपक्ष जोरदार हमला करने की तैयारी में है. वहीं, नूंह हिंसा मामले में कांग्रेस के विधायकों पर सत्ता पक्ष उकसाने का आरोप लगा रहा है. जबकि, पार्टी अपने विधायकों के साथ खड़ी है और इस मुद्दे पर सरकार को मजबूती के साथ घेरने की तैयारी में है.
ये भी पढ़ें:Haryana CET Paper Controversy: CET की दो परीक्षा में समान सवाल पूछने के मुद्दे पर सीएम से बात करेंगे दुष्यंत चौटाला, भूपेंद्र हुड्डा ने की ये मांग
इसके साथ ही बाढ़ की वजह से प्रदेश में हुए जल भराव और हरियाणा स्टाफ सेलेक्शन कमिशन की सीईटी भर्ती में कई सवालों के कॉमन होने के मुद्दे पर भी कांग्रेस पार्टी सरकार को घेरने की तैयारी में है. विपक्ष इन सभी मुद्दों पर गठबंधन सरकार को घेरने की तैयारी में है और इसी को लेकर ही विधायक दल के होने वाली बैठक में रणनीति तैयार की जा सकती है.
हरियाणा कांग्रेस की दो दिन पहले ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी की मौजूदगी में दिल्ली में बैठक हुई थी. पार्टी के प्रदेश प्रभारी भी इस बैठक में मौजूद रहे. जिसमें खास तौर पर पार्टी ने विधायकों और पार्टी के नेताओं को एकजुट होने की सलाह दी थी. बताया जा रहा है कि पार्टी फॉर्म से बाहर किसी भी तरह की बात पार्टी नेताओं को कहने से मनाही की गई है.