हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल चंडीगढ़: लंबे समय से सुप्रीम कोर्ट में एसवाईएल के मुद्दे को लेकर सुनवाई चल रही है. इस मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई थी. हालांकि बुधवार को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी. बताया जा रहा है कि कोर्ट का समय पूरा होने की वजह से बुधवार को इस मामले में सुनवाई नहीं हो पाई.
इधर इस मामले में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल का कहना है कि वे इस विषय पर कई बार कह चुके हैं. मुख्यमंत्री पंजाबी अपनी लाइन पर पहले ही बोल चुके हैं अभी इस मामले में कोई नई बात नहीं है. उन्होंने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री का अपना स्टैंड है और हमारा अपना स्टैंड है. उन्होंने कहा कि हमारा स्टैंड सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के हिसाब से है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा कि एसवाईएल नहर हरियाणा के लिए बननी है.
हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने या नहीं कहा कि बननी चाहिए. उन्होंने कहा कि जब बनी है तो सुप्रीम कोर्ट में इस तरह के मामलों की एग्जीक्यूशन के लिए एक सिस्टम होता है. अब सुप्रीम कोर्ट में एग्जीक्यूशन के निर्णय के लिए ही यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लगा हुआ है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में बार-बार कहा कि आप लोग मिल बैठकर इसमें फैसला लीजिए.
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हमारी इस संबंध में तीन बैठकें हुई. तीनों बैठकों के बाद कोई निर्णय नहीं हो पाया. उन्होंने कहा कि अंततः हमने भी सुप्रीम कोर्ट में लिखकर दे दिया पंजाब ने दिया या नहीं वह तो वही बता सकते हैं. अब सुप्रीम कोर्ट ने ही इस मामले में निर्णय देना है. अब सुप्रीम कोर्ट इस मामले के एग्जीक्यूशन के लिए जो भी निर्णय देंगे, चाहे हुई फिर पंजाब सरकार को निर्देश दें या केंद्र को, चाहे हमें दें, सबको सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को मानना पड़ेगा.
वहीं, बीते दिनों बीजेपी के नेता चौधरी वीरेंद्र सिंह और हिसार से सांसद उनके बेटे ने चुनाव में बीजेपी को अकेले ही हरियाणा में जाना चाहिए, गठबंधन की राजनीति नहीं जाना चाहिए था इस संबंध में बयान दिया था. इसको लेकर पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सबके अपने-अपने मत है अपने अपने मनोभावों हैं उन्होंने व्यक्त किया या अच्छी बात है और अपनी मनोभाव सभी को व्यक्त करने चाहिए. लेकिन, यह तो बाद में पार्टी को मिल बैठकर ही फैसला लेना है.
सीएम मनोहर लाल ने कहा कि, हरियाणा में चल रही परिवार पहचान पत्र योजना में कई राज्य अपना इंटरेस्ट दिखा रहे हैं. हाल ही में उत्तर प्रदेश ने भी हरियाणा की परिवार पहचान पत्र योजना में अपना इंटरेस्ट दिखाया था. इसको लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सारे देश में इसकी चर्चा है और 7, 8 प्रदेशों ने हमसे इसको लेकर संपर्क भी किया है.
इनमें से कुछ राज्यों के अधिकारी उसके प्रेजेंटेशन के लिए भी यहां आए हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री स्वयं भी हमारी बैठकों में कह चुके हैं कि इसका अध्ययन कीजिए और बाकी राज्य अभी से लागू करिए. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि परिवार पहचान पत्र योजना उनके हृदय के बहुत नजदीक है. वहीं, बीते दिन ही उत्तराखंड के अधिकारी भी इस योजना के बारे में जाने के लिए हरियाणा पहुंचे थे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले हुई सुरक्षा में चूक के मामले को लेकर पंजाब सरकार 9 अधिकारियों पर कार्रवाई करने की तैयारी में है. इसको लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुई चूक बहुत गंभीर मामला है. इस मामले में जिन नौ अधिकारियों की लापरवाही सामने आई है निश्चित तौर पर ही उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. प्रधानमंत्री से पद नहीं होता है बल्कि वह एक संस्थान होता है. इसलिए इस तरह के पद पर जो भी विराजमान है उनकी सुरक्षा राज्य का दायित्व है. इसलिए राज्य के दायित्व के हिसाब से वह इसे पीछे नहीं हट सकते हैं जिनके खिलाफ कार्रवाई होनी है वह होगी.
सीएम ने कहा कि हरियाणा कांग्रेस बार-बार कह रही है कि जब उनकी सरकार आएगी तो वे ओपीएस को भी लागू करेंगे और परिवार पहचान पत्र को भी हटा देंगे, इस संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि, 'इतने मुद्दे हैं जिन की यह घोषणा कर रहे हैं मैं कहता हूं कि यह करते रहे. ताकि जनता को भी पता चल जाए कि इनकी मंशा क्या है. जिन चीजों का लाभ जनता को मिल रहा है उनको खत्म करने की बात करेंगे तो मुझे प्रसन्नता है कि वह करते रहें. क्योंकि उनकी नस-नस में भ्रष्टाचार फैला हुआ है. अपने चेहेते को यह भ्रष्टाचार के जो रास्ते बताते थे वह तो सभी अब बंद हो गए. इसलिए आज उन्हें हर बात में भी वही कहानियां याद आती हैं. बौखलाहट में जो वह कह रहे हैं जनता उसे समझ रही है. जनात बीजेपी के साथ है.'
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