चंडीगढ़: ई-गवर्नेंस से सुशासन की दिशा में बढ़ते हुए हरियाणा सरकार ने लोगों को बड़ी राहत प्रदान करने के लिए डिजिटल हस्ताक्षर युक्त जमाबंदी की फर्द यानी ई-फर्द प्रणाली की शुरुआत की है. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि अब लोगों को अपनी जमाबंदी की हस्ताक्षर युक्त फर्द निकालने के लिए पटवारियों के कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ रहे हैं, बल्कि जमाबंदी पोर्टल के माध्यम से लोग डिजिटल हस्ताक्षर युक्त फर्द प्राप्त कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पारिवारिक जमीनों के झगड़ों से निपटान के लिए सांझी खेवट की तकसीम के लिए सरकार नया कानून ला रही है. सीएम ने कहा कि इस कदम से लोगों को बड़ी राहत मिलेगी और अदालतों में लंबे समय तक चलने वाले जमीनी झगड़े से भी निजात मिलेगी.
हरियाणा में ई-फर्द प्रणाली: मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शनिवार को चंडीगढ़ से ऑडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से ई-फर्द सुविधा का लाभ उठाने वाले लाभार्थियों से सीधा संवाद किया. सीएम ने कहा कि पारिवारिक जमीनों के झगड़ों से निपटान के लिए सांझी खेवट की तकसीम के लिए प्रदेश सरकार नया कानून ला रही है. इस कदम से लोगों को बड़ी राहत मिलेगी और अदालतों में लंबे समय तक चलने वाले जमीनी झगड़े से भी निजात मिलेगी. लाभार्थियों ने सीएम का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार ने ई-फर्द प्रणाली लागू करके आम जनमानस को बहुत बड़ी राहत दी है. क्योंकि पहले फर्द प्राप्त करने के लिए लंबे समय तक पटवारियों के चक्कर काटने पड़ते थे, लेकिन अब यह काम घर बैठे मिनटों में ही हो जाता है.
सीएम मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने 25 दिसम्बर, 2022 को www.jamabandi.nic.in पोर्टल शुरू किया था. खुशी की बात है कि पिछले 4 माह में करीब 10,000 लोगों ने डिजिटल हस्ताक्षर युक्त ई-फर्द ऑनलाइन डाउनलोड की है. उन्होंने कहा कि एक फर्द के लिए सर्विस चार्ज मात्र 100 रुपए है और पहले खेवट के लिए 10 रुपए है. इसके बाद के प्रत्येक खेवट के लिए 5 रुपए फीस है. उन्होंने कहा कि पहले इस काम के लिए दलाल कमीशन लिया करते थे, लेकिन अब ऐसे दलालों से मुक्ति मिली है और घर बैठे काम भी हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में जब हम सत्ता में आए, तो उस समय हमारा उद्देश्य यही था कि किस प्रकार आम जनता की समस्याओं को दूर कर उनके जीवन को सरल बनाया जाए. इसके लिए डिजिटल सिस्टम खड़े किए गए. उन्होंने कहा कि जमाबंदी पोर्टल लैंड रिकॉर्ड सम्बन्धी जानकारी के लिए सिंगल विंडो का काम करता है. इस पोर्टल पर ही ई-फर्द के अलावा भूमि डेटा से संबंधित सभी जानकारियां जैसे कि खतौनी जमीन का नक्शा, प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन, खसरा, स्टाम्प शुल्क कैलकुलेटर समेत कई सेवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं .
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेशभर की सभी 143 तहसीलों-उप तहसीलों में वेब-हैलरिस प्रणाली (Haryana Land Records Information System) का उपयोग करते हुए भूमि अभिलेख प्रबंधन कार्यों का कम्प्यूटरीकरण किया है. प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों और राज्य मुख्यालय पर डिजिटल राजस्व रिकॉर्ड रूम स्थापित किए गए थे. इस नई पहल के तहत महत्वपूर्ण राजस्व रिकॉर्ड और दस्तावेजों को स्कैन और सूचीबद्ध करके आधुनिक रिकॉर्ड रूम में डिजिटल बॉक्स में रखा गया है. इसके लिए 18 करोड़ 50 लाख दस्तावेजों को स्कैन किया गया है. इससे आई.टी. डिपार्टमेंट का भी काम आसान हो गया है.