चंडीगढ़: बुधवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा में शहरी स्थानीय निकाय विभाग की बैठक की. इस बैठक में सभी नगर निगमों के मेयर और अधिकारी भी मौजूद रहे. इस दौरान शहरी स्थानीय निकाय विभाग से संबंधित मामलों को लेकर विस्तार से चर्चा हुई. बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि एक सप्ताह पहले उन्होंने ग्रामीण क्षेत्र की तीनों इकाइयां जिसमें पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद शामिल है उनके साथ बैठक की थी और अब उन्होंने नगर क्षेत्र की तीनों इकाइयों से नगर निगम, नगर परिषद हरियाणा और नगर पालिका के प्रतिनिधियों के साथ उनके क्षेत्र की समस्याओं को लेकर चर्चा हुई है.
उन्होंने कहा कि बैठक में इस बात को लेकर चर्चा हुई है कि इन इकाइयों को कितनी स्वायतता दी जाए. उस पर हम एक-एक करके आगे बढ़ रहे हैं. इस बार भी शहरी क्षेत्र को लेकर खास करके उनके बजट (सरकार और उनकी अपनी इनकम) को भी तय कर दिया है. उस पैसे का उपयोग भी अब अपने हाउस के हिसाब से जितना करना होगा करवाएंगे. कुछ चीजें हम उनको स्टेट फंड से ही करके देंगे. नगर निगम और नगर परिषद के कार्यालय बनाने के लिए हमने सहमति दे दी है. इसके साथ ही वहां की स्ट्रीट लाइट और ट्रैफिक कंट्रोल आई ट्रिपल सी के माध्यम से किया जाता है. आई ट्रिपल सी का खर्चा कुछ स्थानों पर ज्यादा भी आता है और कुछ पर कम भी, यह 20, 25 करोड़ तक आता है, वह भी राज्य सरकार करेगी.
लेकिन उसके बाद जो भी लाइटिंग का सिस्टम है, सीसीबीएम का सिस्टम है. वह सब स्थानीय इकाई अपने पैसे से खर्च करेगी. लेकिन कुछ चीजें आपसी कॉन्ट्रिब्यूशन करके करने की जरूरत है. यानी ग्राउंड सिस्टम मैचिंग ग्रांट के रूप में सरकार उनको देगी ताकि डिमांड के ऊपर या उनको दिया जा सके. उन्होंने कहा कि 7% का पैसा स्टेट ऑन टैक्स रेवेन्यू (SOTR) का है. पिछले साल का ही हो पैसा 6500 हजार करोड़ का था. उसमें से 7% शहरी और ग्रामीण इकाइयों को दिया जाएगा. इसके साथ ही ऑनडिमांड अतिरिक्त पैसा भी दिया जाएगा. हर इकाई अपना अपना बजट बनाएगी. बजट में उनको अगर आवश्यकता पड़ती है तो वे स्टेट से डिमांड कर सकते हैं.