चंडीगढ़: हरियाणा सरकार द्वारा कोविड-19 के फैलाव को रोकने के लिए किए जा रहे प्रयासों में तेजी लाने के अंतर्गत राज्य के सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और निजी मेडिकल कॉलेजों को कम से कम 25 प्रतिशत बेड आरक्षित करने और कोविड-19 अस्पताल बनाने के लिए कहा गया है. इसके अलावा, सरकारी या निजी अस्पतालों में कोविड-19 पॉजिटिव मरीज के इलाज पर होने वाले खर्च को राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा.
यह जानकारी हरियाणा की मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा की अध्यक्षता में हुई संकट समन्वय समिति की बैठक में दी गई. बैठक में बताया गया कि एन-95 मास्क और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) किट का पर्याप्त भंडार है. जबकि, ऐसे 15,000 मास्क की डिलीवरी प्राप्त हो चुकी है तथा 20,000 एन-95 मास्क के लिए ऑर्डर दिया गया है.
22 लाख मास्क के दिए गए ऑर्डर
बैठक में बताया गया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा 22 लाख तीन प्लाई के फेस मास्क का आर्डर भी दिया गया है. इसके अलावा, 800 बॉडी सूट की आपूर्ति प्राप्त हो चुकी है तथा 200 से 300 बॉडी सूट की व्यवस्था संबंधित सिविल सर्जन द्वारा अपने स्तर पर की गई है. इसके अलावा, राज्य सरकार द्वारा 722 वेंटिलेटर को कोविड-19 के लिए आरक्षित रखे गए है तथा लगभग 300 नए वेंटिलेटर के लिए ऑर्डर दिया जा चुका है.
बैठक में भी यह बताया गया कि सभी फील्ड अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं कि वे यह सुनिश्चित करें कि नवरात्रों के दौरान किसी भी दुकान पर ‘कुट्टू आटा’ का पुराना स्टॉक नहीं बेचा जाए. इसके अलावा, उन्हें यह सुनिश्चित करने के लिए भी निर्देशित किया गया है कि किसी भी गरीब, मजदूर या झुग्गियों में रहने वाले लोग भोजन से वंचित न रहें और इसके लिए, उन्हें पर्याप्त संख्या में भोजन के पैकेट वितरित किए जाएं. इसके अलावा, वे यह भी सुनिश्चित करेंगे कि आवश्यक वस्तुओं जैसे कि केमिस्ट, किरयाना की दुकान, वीटा बूथ की दुकान खुली रहे. साथ ही होम डिलीवरी की भी आवश्यक व्यवस्था की जानी चाहिए.