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हरियाणा में बिन मंत्रियों के पहली बार हुआ विधानसभा सत्र, कब होगा मंत्रिमंडल का विस्तार?

हरियाणा मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर बीजेपी में माथापच्ची अभी भी जारी है. पार्टी हाईकमान और प्रदेश इकाई मंत्रिमंडल के स्वरूप को लेकर अभी भी मंथन में जुटे हुए हैं. माना जा रहा है कि महाराष्ट्र में बनी राजनीतिक परिस्थितियों के चलते बीजेपी आलाकमान हरियाणा की तरफ ध्यान नहीं दे पा रही है.

हरियाणा मंत्रिमंडल

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Published : Nov 8, 2019, 10:10 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा में बीजेपी ने जेजेपी और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से फिर सत्ता में वापसी की है. मुख्यमंत्री के तौर पर मनोहर लाल ने 27 अक्टूबर को दोबारा शपथ ली थी और दुष्यंत चौटाला ने उप मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली, लेकिन इसके 2 हफ्ते बाद भी अभी तक मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं किया जा सका है.

हरियाणा में बिन मंत्रियों के पहली बार हुआ विधानसभा सत्र
हरियाणा के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब विधानसभा का एक पूरा सत्र बिना मंत्रियों के ही पूरा हो गया है. अभी भी बीजेपी में मंत्रिमंडल के स्वरूप को लेकर सहमति नहीं बन पाई है, लेकिन सूत्रों की मानें तो कभी भी मंत्रिमंडल के विस्तार का ऐलान हो सकता है और रविवार या सोमवार को मंत्रिमंडल विस्तार लगभग तय है.

हरियाणा मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर माथापच्ची जारी, देखें वीडियो

महाराष्ट्र के चलते हरियाणा में फंसा है पेंच !
राजनीतिक पंडितों की मानें तो महाराष्ट्र में राजनीतिक परिस्थितियों के कारण बीजेपी आलाकमान मंत्रिमंडल पर अंतिम फैसला नहीं ले पा रहा है. वहीं दूसरी तरफ जेजेपी ने भी कई अहम विभाग भाजपा से मांग लिए हैं. सूत्रों की मानें तो कैबिनेट को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं से बातचीत कर चुके हैं. उन्होंने हरियाणा कैबिनेट का ब्लूप्रिंट लगभग तैयार कर लिया है.

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जननायक जनता पार्टी और निर्दलीय विधायकों के कोटे से मंत्री बनाने के चलते भी बीजेपी को काफी माथापच्ची करनी पड़ रही है. वहीं जननायक जनता पार्टी को उपमुख्यमंत्री के साथ-साथ उनके दो और विधायकों को मंत्री पद मिलना भी लगभग तय माना जा रहा है. भारतीय जनता पार्टी के भी 9 विधायक मंत्री बन सकते हैं जबकि 2 निर्दलीय विधायक को मंत्री पद दिया जा सकता है.

मंत्री पद की दौड़ में आगे हैं ये विधायक
हरियाणा में मंत्रिमंडल का विस्तार जल्द होना है और ऐसे में अंबाला कैंट के विधायक अनिल विज का फिर से मंत्री बनना लगभग लगभग तय है. इसके अलावा पहली सरकार में स्पीकर रहे कंवरपाल गुर्जर को भी मंत्री पद मिलना तय है. भाजपा के इन दोनों ही सीनियर नेताओं को मंत्री पद मिलना तय है.

इसके साथ थानेसर के विधायक सुभाष सुधा पंजाबी समुदाय से मंत्री बन सकते हैं जबकि पूर्व स्पीकर कंवरपाल गुर्जर, अभय सिंह यादव और हरविंदर कल्याण ओबीसी कोटे से मंत्री बनाए जा सकते हैं.

पानीपत ग्रामीण से विधायक महिपाल ढांडा, लोहारू से विधायक जेपी दलाल और कलायत की महिला विधायक कमलेश ढांडा जाट समुदाय से मंत्री बन सकते हैं.

इसके अलावा बल्लभगढ़ के विधायक मूलचंद शर्मा ब्राह्मण कोटे से मंत्री बनाए जा सकते हैं जबकि महिला कोटे से बड़खल विधायक सीमा त्रिखा मंत्री बन सकती हैं.

कमल गुप्ता हिसार से विधायक, पलवल से विधायक दीपक मंगला और भिवानी से विधायक घनश्याम सर्राफ अग्रवाल समुदाय से मंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे हैं. वहीं बवानीखेड़ा के विधायक विशंभर वाल्मीकि और पूर्व मंत्री बनवारी लाल दलित समुदाय से मंत्री हो सकते हैं.

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जेजेपी से ये हो सकते हैं मंत्री
अगर बात करें जननायक जनता पार्टी की, तो जेजेपी से दुष्यंत चौटाला डिप्टी सीएम बने हैं. इसके अलावा नारनौल से विधायक राम कुमार गौतम और गुहला चीका से विधायक ईश्वर सिंह मंत्री या अनूप धनक में से 2 बन सकते हैं. जेजेपी की तरफ से अगर एक और मंत्री पद की मांग उठाई जाती है तो डिप्टी स्पीकर पद जेजेपी को दिया जा सकता है.

निर्दलीयों में भी कई अहम चेहरे
रानियां से निर्दलीय विधायक रंजीत सिंह चौटाला , रणधीर गोलन या बलराज कुंडू मंत्री बन सकते हैं. इसके अलावा अन्य को चैयरमेन पद देकर भाजपा अपने साथ आगामी 5 साल तक साथ बनाए रख सकती है.

जेजेपी ने बीजेपी से मांगे अहम विभाग- सूत्र
सूत्रों की मानें तो है मंत्रिमंडल के विस्तार से पहले ही जेजेपी ने भाजपा से कई अहम विभाग मांगे हैं. जेजेपी ने बीजेपी से करीब 14 बड़े विभागों की मांग की है. जेजेपी गृह, वित्त, कृषि, ग्रामीण विकास पंचायत, आबकारी एवं कराधान समेत कई विभाग अपने पास जाती है. दूसरी तरफ बीजेपी वित्त, गृह और कृषि जैसे अहम डिपार्टमेंट अपने पास रखना चाहती है. हालांकि करीब 8 से 10 अहम विभाग जेजेपी को दिए जा सकते हैं.

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